सीबीएसई शुरू कर रहा ऑनलाइन इनोवेशन अंबेस्डर प्रोग्राम

हर स्कूल से दो टीचर्स को ट्रेंड करके बनाया जाएगा मेंटर

प्रयागराज

कोरोना से जहां बच्चों की पढ़ाई डिस्टर्ब हो गई, वहीं दूसरी तरफ जो स्टूडेंट्स हमेशा कुछ नया करने में लगे रहते थे। उनकी प्रतिभा पर भी अब असर दिखने लगा है। ऐसे में बच्चों के अंदर इनोवेशन की प्रतिभा को बढ़ाने के लिए सीबीएसई ने नई पहल की है। न्यू एजूकेशन पॉलिसी के तहत सीबीएसई ने एक ट्रेनिंग प्रोग्राम तैयार किया है। जिसमें 50 हजार के करीब टीचर्स पाíटसिपेट करेंगे। सीबीएसई के हर स्कूल में चार से पांच टीचर्स को इसमें हिस्सा लेना अनिवार्य होगा। बोर्ड टीचर्स को मेंटर के रूप में तैयार करेगा। ट्रेनिंग के बाद टीचर्स स्टूडेंट्स को नए-नए इनोवेशन के लिए तैयार करेंगे। जिससे बच्चों में सर्वांगीण विकास होने के साथ ही उनकी प्रतिभा को नया रूप मिल सके।

इनोवेशन एंबेस्डर प्रोग्राम हुआ है तैयार

शिक्षा मंत्रालय के नवाचार विभाग व अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की सहायता से तैयार किए गए इस प्रोग्राम में देशभर से सीबीएसई से रिलेटेड स्कूलों के टीचर्स शामिल किए जाएंगे। जिन्हें 13 से 26 घंटे की अलग-अलग चार मॉड्यूल की ट्रेनिंग दी जाएगी। टीचर्स के ट्रेंड होने के बाद वह अपने स्कूल में जाकर अपने यहां के स्टूडेंट्स को इन ट्रेनिंग प्रोग्राम की डिटेल शेयर करेंगे। फिर उनसे नए इनोवेशन कराकर उनकी प्रतिभाग को निखारने का प्रयास करेंगे।

ऐसे होगा टीचर्स का सलेक्शन

- स्टूडेंट्स के इनोवेशन रिलेटेड प्रोजेक्ट में सहभागिता रहती हो

- नए आइडिया पर स्टूडेंट्स के साथ प्रोजेक्ट तैयार करने में जुनून हो

- समस्याओं का सॉल्युशन निकालने की क्षमता हो

- टीचर्स के अंदर संवाद करने का बेहतर क्षमता हो व आंकड़ों की जानकारी रखते हो

- किसी विज्ञान या इनोवेशन से जुड़ी प्रदर्शनी में हिस्सा लेते रहते हो

ये होंगे चार मॉड्यूल

डिजाइन थिंकिंग एंड इनोवेशन, अवधि 26 घंटे

आइडिया जेनरेशन एंड आइडिया हेड हेल्डिंग, अवधि 15 घंटे

इंटैलेक्चुअल प्रापर्टी राइट्स, अवधि 12 घंटे

प्रोडक्ट, प्रोटोटाइप डेवलेपमंट, अविध 13 घंटे

सीबीएसई स्टूडेंट्स की सहूलियत और उनके अंदर की प्रतिभा को विकसित करने के लिए लगातार प्रयासरत रहता है। टीचर्स को भी ट्रेंड करने के लिए लगातार वर्कशाप भी आयोजित होते हैं। इस नए कदम से टीचर्स के साथ ही स्टूडेंट्स को भी नए-नए इनोवेशन के लिए प्रेरित करना बोर्ड का लक्ष्य है।

श्वेता अरोड़ा,

रीजनल डायरेक्टर, सीबीएसई प्रयागराज