प्रयागराज (ब्यूरो)ट्रक खरीदने के लिए मदद स्वरूप चार लाख रुपये देकर अब्दुल अंसारी ने मानों मौत खरीद लिया। वह अपना पैसा मांगने गया तो अपहरण करके उसकी हत्या कर दी गई। कातिल बॉडी को बोरे में घर कर घूरपुर एरिया स्थित ओवर ब्रिज के पास रेलवे ट्रैक किनारे फेक दिए थे। चार फरवरी की शाम बोरे में मिली अज्ञात बॉडी घूरपुर पुलिस ने पोस्टमार्टम हाउस भेजी थी। यहां पहचान के लिए पुलिस तो परेशान थी, उधर उसकी तलाश में परिवार भटक रहा था। पोस्टमार्टम पूर्व कर्मचारियों ने बॉडी व कपड़ों को चेक किया। जेब में मिली एक आईडी पर उसका नाम अब्दुल अंसारी पुत्र जमील अहमद उम्र 25 वर्ष लिखा था। एड्रेस में हमालबाड़ा भिमंडी जिला थाड़े महाराष्ट्र दर्ज था। इस आईडी को सोशल मीडिया पर 'गुमशुदा तलाश' ग्रुप चलाने वाले मो। आरिफ ने वायरल कर दिया। वायरल की गई आईडी को देखकर उसे खोजने में परेशान परिवार के लोग कौंधियारा और घूरपुर थाने पहुंचे। पुलिस द्वारा उन्हें पोस्टमार्टम हाउस भेजा गया। यहां उसके जूते और कपड़ों को देखते ही परिजन चीख पड़े। परिवार के लोगों द्वारा कर्ज लेने वाले रिश्तेदारों पर अपहरण और हत्या का आरोप लगाया गया है।

कौंधियारा में दर्ज है अपहरण का केस
पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे परिजनों ने बताया कि अविवाहित अब्दुल अंसारी मूल रूप से कौशाम्बी जिले के सराय अकिल का निवासी था। तीन भाइयों में बड़े अब्दुल की तीन बहनें भी हैं। मां की मौत हो चुकी है। करीब 40 से 45 वर्ष पूर्व उसका पिता कमाने के लिए कौशाम्बी से परिवार संग भिमंडी चला गया था। उसके सभी बच्चे भिमंडी में ही पैदा हुए। यही वजह है कि सारे बच्चों की आईडी महाराष्ट्र के भिमंडी के पते पर है। साल में एक दो बार ही परिवार गांव कौशाम्बी आता है। बताया गया कि अब्दुल की एक बुआ व बहन सबीना यहां कौंधियारा थाना क्षेत्र के जारी में रहती है। लगभग चार साल पूर्व बुआ के दो बेटे तौफीक व सुग्गन ट्रक खरीद रहे थे। उस वक्त दोनों ने अब्दुल अंसारी से चार लाख रुपये की मदद ली थी। ट्रक चालक अब्दुल फुफेरे भाइयों को बेझिझक मदद स्वरूप चार लाख रुपया दे दिया। अब्दुल जब गांव आता था तो यहां भी उनकी ट्रक चलाया करता था। इस काम का भी दोनों उसे पैसा नहीं देते थे। इस तरह दोनों पर उसका लाखों रुपया बकाया हो गया।
बुआ के घर से लौटा ही नहीं
इस बार जब परिवार भिमंडी से कौशाम्बी आया तो 25 जनवरी को अब्दुल बहन सबीना के घर कौंधियारा जारी पहुंच गया। दूसरे दिन 26 जनवरी को वह जारी में ही रहने वाली वाली बुआ के घर चला गया। पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे परिजनों की मानें तो इसके बाद वह घर नहीं लौटा। काफी तलाश और खोजबीन के बाद कुछ पता नहीं चला तो परिवारवालों ने 28 जनवरी को कौंधियारा थाने में मदद के रूप में पैसा लेने वाले दोनों भाइयों के खिलाफ नामजद तहरीर दी। पुलिस मुकदमा दर्ज करने से कतराती रही। इस पर उन्होंने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की तो मुकदमा दर्ज कर लिया गया। तब से आज तक परिवार उसकी तलाश में भटक रहा था।

परिवार की तहरीर पर पूर्व में मरने वाले युवक के दो रिश्तदारों पर अपहरण का मुकदमा हमारे यहां दर्ज है। बॉडी पहचान के लायक तो थी नहीं। कपड़े व जूते से परिवार पहचान की बात कह रहा है। अब पूर्व में दर्ज अपहरण के मुकदमे में हत्या की धारा बढ़ा दी जाएगी।
वीरेंद्र कुमार कुशवाहा, थाना प्रभारी कौंधियारा