-माघ मेला के लिए अभी तक से अभी तक नहीं ली गई जमीन

-पिछले साल अभी तक संगम पर बनने लगे थे पांटून पुल

PRAYAGRAJ: माघ मेले का समय धीरे धीरे नजदीक आ रहा है लेकिन जिला प्रशासन ने अब तक इसकी तैयारी शुरू नहीं की है। संगम तीरे जिस जमीन पर माघ मेला बसाया जाता है, वह सेना की है। उसे भी अब तक जिला प्रशासन ने नहीं लिया है। हर साल गंगा यमुना में बाढ़ का पानी कम होते ही माघ मेला की तैयारी शुरू हो जाती थी। इससे पहले बिजली, सड़क, पानी सहित अन्य सामानों की सप्लाई का टेंडर हो जाता था। बाढ़ हटते ही संगम तीरे निर्माण शुरू हो जाता था लेकिन इस बार समतलीकरण भी नहीं किया गया है।

लगने लगी थीं चकर्ड प्लेट

अक्टूबर का आधा महीना बीता चुका है। पिछले साल इस समय तक गंगा पर पांटून पुल का निर्माण शुरू हो गया था। चकर्ड प्लेट भी गिरने लगे थे और पानी की पाइप लाइन बिछाने के अलावा बिजली के खंभे लगाने का भी काम शुरू हो गया था। 14 जनवरी से मेला लग जाएगा लेकिन अब तक कोई काम नहीं किया गया है। हर साल जिला प्रशासन इस जमीन पर मेला बसाने के लिए सितंबर से मार्च तक इस जमीन को सेना से लेता है। उसकी औपचारिकता भी इस बार नहीं हुई है। कोरोना से चलते मेला का काम प्रभावित हो रहा है। प्रदेश सरकार ने मेला लगवाने की घोषणा कर दी है लेकिन बजट की स्वीकृति न होने के कारण जिला प्रशासन ने अब तक कोई तैयारी शुरू नहीं की है।

मेला तो कराना है लेकिन शासन से अभी तक अनुमति नहीं मिली है। अनुमति मिलते ही सेना से जमीन लेकर निर्माण कार्य कराया जाएगा।

-रजनीश मिश्रा, मेला अधिकारी