47,748

गन लाइसेंस जारी हैं जिले के अंदर

3100

के आसपास लोगों के पास है तीन असलहों के लाइसेंस

500

रुपए प्रति वर्ष है रिन्यूअल की फीस

2500

रुपए होगी पांच साल की रिन्यूअल फीस

03

साल के लिए ही होता था पहले असलहों का रिन्यूअल

05

साल के लिए अब होगा असलहे का रिन्यूअल

01

असलहा और लाइसेंस करना होगा तीन लाइसेंसधारकों को

प्रयागराज में 3100 लोगों के पास हैं तीन लाइसेंसी असलहे

असलहा सरकारी दुकान पर असलहा डिस्पोज करके लाइसेंस सरेंडर करने का आदेश जारी

PRAYAGRAJ: ईश्वर ने दो हाथ दिये हैं। एक्सट्रा टैलेंट है तो एक साथ दो असलहों का इस्तेमाल किया जा सकता है। तीसरा लाइसेंस और असलहा क्यों? उसे कौन चलायेगा। तीनो असलहों को लेकर लाइसेंसी चलेगा कैसे? कैसे इसका इस्तेमाल करेगा? सिर्फ रसूख दिखाने के लिए असलहों के इस्तेमाल को देखते हुए सरकार के निर्देश पर प्रशासन सख्त हो उठा है। डीएम ने आदेश जारी कर दिया है कि एक व्यक्ति के पास अधिकतम दो लाइसेंसी असलहे ही होंगे। उन्होंने तीसरा असलहा लाइसेंसी शॉप पर डिस्पोज करके लाइसेंस सरेंडर करने का आदेश है। इस आदेश का असर प्रयागराज में 3100 लोगों पर पड़ने जा रहा है। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने पड़ताल की तो यह सच सामने आया।

लाइसेंसियों के घर पहुंचेगी नोटिस

जिले के तमाम नामचीन व रसूखदार लोगों के भौकाल प्रदर्शन का जरिया लाइसेंसी असलहा बन बन गए हैं। खजाने में बेशुमार दौलत आई तो वे घर के शस्त्रागार में असलहों को जखीरा करने का शौक पाल बैठे। शायद यही वजह है कि गन का लाइसेंस लेने की इनमें होड़ लग गई। इस मामले में आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों ने कुछ ज्यादा ही रुचि दिखायी। जानलेवा हमले को आधार बनाया और जान माल का खतरा होना बताकर असलहा लाइसेंस हासिल कर लिया। जिले में 47 हजार 748 लाइसेंसी गन हैं। इनमें सिंगल से लेकर डबल बैरल व राइफल व पिस्टर एवं रिवाल्वर भी शामिल हैं। विभागीय आंकड़ों पर गौर करें तो तीन असलहा रखने वालों की तादाद यहां हजारों में है। महकमे के जानकार बताते हैं कि जिले के करीब 3100 लोग ऐसे हैं जिनके नाम तीन असलहों का लाइसेंस है।

खुद करवा लें कैंसिल

यह बात दीगर है कि यह लाइसेंस वर्षो पूर्व जारी किए गए हैं।

यही वजह है कि असलहों के इस जखीरे को कम करने के लिए शासन ने कुछ दिन पूर्व ही नियमों में संशोधन किया है।

इसके तहत अब एक व्यक्ति तीन असलहे नहीं रख सकेगा।

निर्देश हैं कि वह स्वयं अपने एक लाइसेंस कैंसिल करवा कर असलहे को जमा कर दें।

इस संशोधित नियम पर लागू करने की प्रक्रिया जिले में शुरू हो गई है।

नए नियम और लाइसेंस के आंकड़ों पर गौर करें तो जिले के 3100 लोगों को अपने एक असलहे को डिस्पोज करके लाइसेंस निरस्त करवाना पड़ेगा।

असलहा जारी होने के नियम

जान माल का खतरा होने या परिवार के साथ कोई बड़ा हादसा होने पर जारी किया जाता है

लाइसेंस डीएम के स्तर पर जारी किया जाता है

इससे पहले आवेदक की पूरी जांच थाना पुलिस और एलआईयू की टीम करती है

पॉजिटिव रिपोर्ट लगने के बाद फाइल डीएम आफिस भेजी जाती है

नये नियमों के मुताबिक इसके बाद एक्सपर्ट की निगरानी में चेक किया जाता है कि आवेदक खुद फायर कर सकता है या नहीं

पॉजिटिव रिपोर्ट लगने पर लाइसेंस जारी किया जाता है और असलहा खरीदने की अनुमति मिलती है

असलहे का मॉडल और उसकी डिटेल लाइसेंस पर दर्ज करायी जाती है

चुनाव आदि जैसे समय पर असलहों को लाइसेंस शॉप और थानो में जमा करा दिया जाता है

असलहा दफ्तर के चक्कर से मुक्ति

पहले असलहों का रिन्यूवल तीन साल के लिए किया जाता था।

प्रति वर्ष के लिए रिन्यूअल का शुल्क 500 रुपये निर्धारित था

एक साथ तीन साल के लिए रिन्यू कराने पर 1500 रुपये जमा होते थे

अब पांच साल के लिए लाइसेंस रिन्यू होगा और 2500 रुपये शुल्क देने होंगे

इससे लाइसेंस होल्डर को हर तीन साल पर रिन्यूअल के लिए भटकने से मुक्ति मिलेगी