विशाल संकल्प ने मलिन बस्ती की ज्योति के जीवन में फैलाया शिक्षा का उजियारा

ALLAHABAD: किसी गरीब को दो समय की रोटी मुश्किल से नसीब होती हो और उनके बच्चों के मन में उच्च शिक्षा ग्रहण कर भविष्य बनाने की ललक दिखाई दे तो यह भी किसी सपने से कम नहीं होता है। मलिन बस्ती गऊघाट की ज्योति बंसल ने भी उच्च शिक्षा पाने का सपना देखा और उसका सहारा विशाल संकल्प संस्था बनी। इसी साल केएन काटजू इंटर कालेज से इंटर पास करने वाली ज्योति की आगे पढ़ाई करने के सपने को पूरा करने के लिए संस्था ने न केवल उसका बीए प्रथम वर्ष में दाखिला कराया है बल्कि आगे की सारी पढ़ाई की खर्चा उठाने का भी प्रण लिया है।

संस्था ने उठाई जिम्मेदारी

संस्था की ओर से मलिन बस्ती में लगातार कोई न कोई आयोजन किया जाता है। कभी बस्ती के बच्चों को खिलौना दिया जाता है तो कभी वस्त्र का वितरण तो कभी किताब-कॉपी। इसी आयोजन में बस्ती की ज्योति बंसल भी शामिल होती थी। आर्यकन्या डिग्री कालेज में उसका बीए प्रथम वर्ष में दाखिला होना था लेकिन तंगी के चलते पिता यज्ञ सेन ने आगे की पढ़ाई करने में असमर्थ हो गए। क्योंकि परिवार में दो वक्त की रोटी ही मुश्किल से नसीब हो पाती है। यह बात जब ज्योति ने संस्था की अध्यक्ष अंजली विशाल को बताई तो उन्होंने 25 जुलाई को कालेज जाकर उसकी फीस जमा की और परिजनों को भरोसा दिलाया कि पैसे के अभाव में ज्योति की पढ़ाई नहीं रुकेगी।

कूड़ा बीनकर चलाते हैं घर का खर्चा

ज्योति बंसल के पिता यज्ञ सेन एसआरएन हॉस्पिटल में कूड़ा बीनने का काम करते हैं। जिससे मुश्किल से ही दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो पाता है। जैसे तैसे पिता ने बेटी को इंटर तक पढ़ाई कराई लेकिन आगे की पढ़ाई में खर्च अधिक होता और इतना पैसा नहीं था कि घर का खर्चा चलाएं कि बिटिया को पढ़ाएं। इसीलिए उन्होंने पढ़ाने से इंकार कर दिया था।

पांच सौ रुपए हर सदस्य की जिम्मेदारी

समाज में गरीबों की सेवा करने के उद्देश्य से 2008 में संस्था बनाई गई। जिसकी अगुवाई केन्द्रीय विद्यालय न्यू कैंट की शिक्षिका अंजली विशाल के हाथों में हैं। संस्था में कुल 15 सक्रिय सदस्य हैं। गरीबों की मदद करने के लिए प्रतिमाह हर सदस्य अपनी जेब से पांच सौ रुपए बचाकर रखता है। उसी रकम से मलिन बस्ती के बच्चों की मदद की जाती है।