किसानों की दशा पर हाई कोर्ट ने जतायी चिंता

कहा, किसानों को मिले फसल की उचित कीमत

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि किसानों का जीवन लगातार नए प्रयोग व वजूद के लिए संघर्ष में बीत रहा हैप्त उन्हें सूखा, बाढ़, लागत व मूल्यों में उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। उद्योगों की तरह अपने उत्पाद की कीमत तय करने का उन्हें अधिकार नही होता। बिचौलिए उनकी मेहनत की कमाई का फायदा उठाते है। सरकार किसानों को समानरूप से लाभ देने में नाकाम रही है। इसलिए उनकी जीविका के मूल अधिकार से जुडी जमीन के अधिग्रहण पर उन्हें उचित मुआवजा मिलना चाहिए।

भूमि अधिग्रहण के मामलों में सुनवाई

जस्टिस एसपी केशरवानी की कोर्ट भूमि अधिग्रहण मुआवजे को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। कोर्ट ने कहा किसान अभी भी दशकों पहले की स्थिति में है। किसानी से आय से परिवार की न्यूनतम जरूरते पूरा करने की स्थिति नही बन सकी है। कई मामले प्रकाश में आये हैं। देश के विभिन्न हिस्सों में जब किसान ने दिक्कतों से परेशान होकर अपने जीवन को ही समाप्त कर लिया है। कोर्ट ने नोएडा अथॉरिटी को किसानों को 355 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मुआवजे का भुगतान 3 माह में करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने कहा है कि किसानों की जमीन विकास के लिए जबरन ले ली जाती है और उन्हें उचित मुआवजे के लिए सालो मुकदमेबाजी में उलझना पड़ता है। 28 साल पहले अधिगृहीत जमीन के मुआवजे के लिए किसानों को 16 साल कोर्ट के चक्कर लगाने पड़े। कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण मुआवजे को लेकर दाखिल सैकड़ो किसानों की अपीलें मंजूर कर ली है और प्रत्येक को बतौर हर्जाना 5 हजार रुपये दिए जाने का निर्देश दिया है।