हाई कोर्ट ने राहत देने से किया इंकार

ALLAHABAD: रेड लाइट एरिया मीरगंज से हटाई गई भवन स्वामिनी को राहत देने से हाईकोर्ट ने इंकार कर दिया है। भवन स्वामिनी सत्यभामा की याचिका पर सुनवाई करते चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने यह आदेश दिया।

30 अप्रैल को हुई थी कार्रवाई

याची मीरगंज मोहल्ले में रहने वाली है। वहां मकान का बैनामा भी करा लिया है। 30 अप्रैल 16 को जिला प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त रूप से अभियान चलाकर 24 मकानों को सील कर दिया। सेक्स वर्कर्स को वहां से भगा दिया गया है। याची जिस मकान में रह रही थी उसमें भी ताला लगा दिया गया जबकि याची सेक्स वर्कर्स का काम नहीं करती है। अनैतिक देह व्यापार अधिनियम में कभी दोषसिद्ध नहीं हुए हैं। याची को अपने मकान में रहने का मौलिक अधिकार है। याची के अधिवक्ता दयाशंकर मिश्रा ने कहा कि मकान का सील खोला जाए ताकि याची अपने मकान में रह सके।

हस्तक्षेप से किया इंकार

दूसरी ओर याचिका का विरोध कर स्थायी अधिवक्ता रामानंद पांडेय का कहना था कि अनैतिक देह व्यापार अधिनियम की धारा 18 (1) के तहत मजिस्ट्रेट को देह व्यापार में लिप्त सेक्स वर्कर्स के मकान को सील करने का मजिस्ट्रेट को अधिकार है। यह आदेश प्रतिरोधात्मक प्रकृति का होता है यह स्थायी नहीं होता और कुछ दिन में स्वत: समाप्त हो जाएगा। यदि इस कानून में उनको सजा हो जाती है तो स्थायी सीलबंदी का आदेश जारी होता है। कोर्ट ने मजिस्ट्रेट के आदेश में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया है।