प्रदेश सरकार को तगड़ा झटका, हाईकोर्ट में विशेष अपील खारिज

सामान्य वर्ग से हटाई जाएंगी 173 पिछड़ा वर्ग और दस एससी महिला अभ्यर्थी

ALLAHABAD:

प्रदेश में 4010 दरोगा भर्ती में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार को प्रदेश सरकार को तगड़ा झटका दिया। कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि सामान्य वर्ग में ओबीसी-व एसी अभ्यर्थी को क्षैतिज आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने प्रदेश सरकार की विशेष अपील खारिज कर दी है और सामान्य की सीटों पर क्षैतिज आरक्षण के तहत नियुक्त 173 पिछड़ा वर्ग और 10 अनुसूचित जाति की महिला अभ्यर्थियों को बाहर करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने इन अभ्यर्थियों को उनके संवर्ग में समायोजित करने का निर्देश दिया है।

सिंगल बेंच पहले ही कर चुकी खारिज

यह आदेश जस्टिस वीके शुक्ला और जस्टिस यूसी श्रीवास्तव की खण्डपीठ ने दिया है। इससे पूर्व एकल न्याय पीठ ने सामान्य की सीटों पर क्षैतिज आरक्षण के तहत महिला और एक्स सर्विस मैन को नियुक्ति देने को गलत करार दिया था। इसके खिलाफ विशेष अपील दाखिल की गई थी जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। अपील पर अधिवक्ता सीमांत सिंह, अनूप त्रिवेदी, पीएस पटवालिया, पीके सिंह आदि ने पक्ष रखा।

एक नजर में दरोगा भर्ती

4010 सब इंस्पेक्टरों की भर्ती का परिणाम 16 मार्च 2015 को जारी किया गया था

कुछ अभ्यर्थियों द्वारा ह्वाइटनर का प्रयोग करने के कारण मामला कोर्ट में पहुंच गया

हाई कोर्ट के निर्देश पर ह्वाइटनर लगानेवाले 410 अभ्यर्थियों को बाहर कर नए सिरे से परिणाम जारी किया गया

मामला फिर से यह कहते हुए कोर्ट पहुंच गया कि क्षैतिज आरक्षण के तहत 173 पिछड़ा वर्ग और 10 अनुसूचित जाति की महिला अभ्यर्थियों को सामान्य की सीटों पर नियुक्ति दी गई

उनको उनके संवर्ग ओबीसी या एससी में ही आरक्षण देना था

जस्टिस सुनीत कुमार ने याचिका स्वीकार करते हुए सामान्य की सीटों पर दी गई नियुक्ति रद कर दी तथा क्षैतिज आरक्षण का लाभ संबंधित संवर्ग में ही देने का निर्देश दिया

इसी प्रकार एक्स सर्विस मैन को भी उनके संवर्ग के तहत ही आरक्षण देने का निर्देश दिया गया

विशेष अपील में इसे चुनौती दी गई थी। खण्डपीठ ने अपील खारिज कर दी मगर एकल पीठ द्वारा अधिकारियों पर की गई टिप्पणी को रद कर दिया