-इलाहाबाद हाइ कोर्ट का फैसला, पद से हटाने की याचिका जारी

-फैसले का चयन पर नहीं पड़ेगा असर

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग इलाहाबाद के अध्यक्ष लाल विहारी पांडेय की नियुक्ति को अवैध करार दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार ने अध्यक्ष चयन की प्रक्रिया का पालन नहीं किया। पांडेय की चयन व नियुक्ति प्रक्रिया अवैध है। साथ ही पांडेय अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की वैधानिक योग्यता भी नहीं रखते। कोर्ट ने पांडेय को पद से हटाने के लिए अधिकार पृच्छा याचिका जारी की है। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि आयोग के अध्यक्ष व तीन सदस्यों की नियुक्ति अवैध करार देने से इस दौरान किये गये चयन प्रभावित नहीं होंगे। यदि ऐसी नियुक्तियों की वैधता की चुनौती याचिका आती है तो कोर्ट नियमानुसार सुनवाई करेगी।

सुपर रैंक का मतलब सचिव रैंक नहीं

यह आदेश चीफ जस्टिस डॉ। डीवाई चंद्रचूड तथा जस्टिस यशवंत वर्मा की खंडपीठ ने रूरल एंड अर्बन डेवलपमेंट एसोसिएशन की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सुपर टाइम प्राप्त करने से यह नहीं कहा जा सकता कि पांडेय सचिव रैंक के अधिकारी रहे हैं। कोर्ट ने कहा है कि आयोग अध्यक्ष पद पर जिला जज, सचिव पद पर तैनात आईएएस अधिकारी, कुलपति या विश्वविद्यालय के प्रोफेसर तथा शिक्षा के क्षेत्र में विशेष योगदान वाले व्यक्ति की नियुक्ति की जा सकती है। पांडेय सचिव रैंक के अधिकारी नहीं थे इसलिए अध्यक्ष पद पर नियुक्ति की योग्यता नहीं रखते। कोर्ट ने कहा नियुक्ति प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं अपनाई गयी।