बेसिक शिक्षकों के अन्तर जनपदीय तबादले पर हाई कोर्ट ने दिया निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि सामान्य रूप से 5 साल की सेवा के बाद ही अध्यापको के अंतर्जनपदीय तबादले हो सकते हैं। किंतु विशेष परिस्थितियों में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद इलाहबाद विचार कर सकते हैं। कोर्ट ने सचिव को किडनी, कैंसर, हार्ट जैसी गम्भीर बीमारी से पीडि़त अध्यापको के अंतर्जनपदीय तबादले पर विचार करने का निर्देश दिया है।

सचिव को तीन महीने का समय

यह आदेश जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र ने अनिरुद्ध कुमार त्रिपाठी व अन्य की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याचियों का कहना था कि 13 जून 2017 के शासनादेश से सरकार ने गम्भीर रूप से बीमार पांच साल से कम अवधि पर भी अंतर्जनपदीय तबादले की छूट दी है। जिसमें शिक्षक, उसकी पत्‍‌नी व बच्चों की गम्भीर बीमारी होने पर अंतर्जनपदीय तबादले की व्यवस्था दी गयी है। याची लखीमपुर खीरी से बांदा आना चाहता है। कानपूर में उसकी किडनी का इलाज चल रहा है। याचिका पर अधिवक्ता एल के त्रिगुणायत व देवकांत त्रिगुणायत ने बहस की। याची का कहना था कि महिलाओं के अंतर्जनपदीय तबादले 5 वर्ष से पहले भी किये जा रहें हैं जो पुरुषों के साथ भेदभाव है। सरकार का कहना था कि अभी जिले के भीतर तबादले हो रहे हैं, इसके बाद अंतर्जनपदीय तबादलों पर विचार होगा। कोर्ट ने इस तर्क को नही माना और सचिव बेसिक शिक्षा परिषद को 3 माह में निर्णय लेने का आदेश दिया है।