सरकारी डॉक्टर्स की प्राइवेट प्रैक्टिस जाचेंगे कमिश्नर

-हाईकोर्ट ने निगरानी के लिए स्पेशल टीम गठित करने के दिए निर्देश

ALLAHABAD@inext.co.ion

ALLAHABAD: सरकारी डॉक्टरों की प्राइवेट प्रैक्टिस पर नजर रखने के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पेशल टीम गठित करने का निर्देश दिया है। यह टीम औचक निरीक्षण करके प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले सरकारी डॉक्टर्स के खिलाफ सुबूत इकट्ठे करेगी। कोर्ट ने प्रदेश के प्रमुख सचिव स्वास्थ्य व अन्य से प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों पर हुई कार्रवाई का हलफनामा मांगा है।

बताइए कितने पद हैं खाली

कोर्ट ने इन दोनों अधिकारियों से गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेजों एवं इनके विभागों की स्थिति का ब्योरा मांगा है। उनसे पूछा है कि कितने पद खाली हैं तथा इन खाली पदों को भरने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं। कॉलेजों पर मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा की गई आपत्तियों को दुरुस्त किया गया है या नहीं। कोर्ट ने याचिका की सुनवाई की अगली तिथि ख्8 अक्टूबर तय की है। यह आदेश जस्टिस सुधीर अग्रवाल और सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने रवि सिंह की जनहित याचिका पर दिया है।

प्रिंसिपल सौपेंगे हलफनामा

हाईकोर्ट ने एमएलएन मेडिकल कॉलेज के सभी डॉक्टरों के संबंध में कि वह प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं या नहीं, इसका हलफनामा प्रिंसिपल को सौंपने का आदेश दिया है और कहा है कि प्रिंसिपल तथ्यों का सत्यापन कर कोर्ट में हलफनामा दें। सभी डॉक्टरों को हलफनामा फ्क् जुलाई क्ब् तक जमा करना है। कोर्ट ने इलाहाबाद के कमिश्नर को आदेश दिया है कि वह एक कमेटी गठित कर औचक निरीक्षक कराएं और समय-समय पर रिपोर्ट पेश करते रहें। पहली रिपोर्ट म् सप्ताह में दी जाएगी। कोर्ट ने कमिश्नर से कहा है कि वह विशेषज्ञ कमेटी बनाकर कॉलेज को मिले फण्ड व कार्य का सत्यापन कराकर दो माह में अपनी रिपोर्ट पेश करें। कोर्ट ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से कहा है कि अपने प्रतिनिधियों के मार्फत आर्थोपेडिक्स विभाग का निरीक्षण करे। डॉ। एके वर्मा को सुनकर उनकी योग्यता व नियुक्ति पर आपत्ति का निस्तारण करे। एक माह में नियमानुसार निर्णय ले। कोर्ट ने भारत सरकार व राज्य सरकार से याचिका में उठाए गए मुद्दों पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि स्वास्थ्य का अधिकार मूल अधिकार में शामिल किया गया है। इसके साथ समझौता नहीं किया जा सकता।