प्रयागराज ब्यूरो । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश में डेंगू और मलेरिया के बढ़ते प्रकोप पर स्वत: संज्ञान लिया है और जनहित याचिका कायम कर राज्य सरकार से उठाये गए कदमों की विस्तृत जानकारी मांगी है। याचिका की अगली सुनवाई 6 नवंबर को होगी। कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल से पूछा कि मलेरिया से निपटने के लिए क्या व्यवस्था की गई है। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर तथा न्यायमूर्ति अजय भनोट की खंडपीठ स्वत: कायम जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

कौन सा जीनोम है प्रमुख

कोर्ट ने पूछा कि क्या राज्य सरकार केपास यह पता लगाने केलिए कोई तंत्र है कि मलेरिया का कौन सा जीनोम प्रमुख है। पीठ ने इस पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सरकार की कार्य योजना और प्रक्रिया के बारे में भी ब्यौरा मांगा। अपर महाधिवक्ता गोयल ने कहा कि मच्छर जनित बीमारियों से निपटने केलिए पूरी तैयारी की गई है और कार्यकारी तंत्र पूरी तरह से काम कर रहा है। मच्छरों पर नियंत्रण के लिए कार्यवाही की जा रही है। कोर्ट ने कहा कि वह इस संबंध में विस्तृत आदेश पारित करेगी। फिलहाल अभी आदेश अपलोड नहीं हुआ है।

जिले में भी है डेंगू और चिकनगुनिया का कहर

दूसरी ओर प्रयागराज मं भी डेंगू और चिकन गुनिया का कहर फैला हुआ है। अब तक डेंगू के 315 केस सामने आए हैं और इसमें से 246 अर्बन के हैं। वहीं चिकन गुनिया के जिले में केसेज की संख्या 241 है। इसमें से 63 मामलों को ट्रेस नही किया जा सका है। शहर के तमाम एरिया में मच्छर जनित बीमारियों का प्रकोप फैला हुआ है। लोग हड्डी तोड़ बुखार से त्रस्त हैं और ठीक होने के बाद भी महीनों इसके दर्द से परेशान हो रहे हैं। नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग के दवा के छिड़काव के इंतजाम भी नाकाफी साबित हो रहे हैं।