मेडिकल की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स ने सरकार के फैसले को सराहा

कहा पहले से माइंड मेकअप कर सकेंगे स्टूडेंट, दे सकेंगे अच्छा रिजल्ट

ALLAHABAD: कॉमन मेडिकल इंट्रेस के लिए आयोजित होने वाले नीट यानी राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा को लेकर केन्द्र सरकार की ओर से जारी नए आदेश ने हिन्दी पट्टी वाले स्टूडेंट्स को बड़ी राहत दी है। इस वर्ष के लिए स्टेट के मेडिकल कालेजों में दाखिले के लिए पुरानी व्यवस्था लागू होने से सबसे अधिक फायदा उन स्टूडेंट्स को मिलेगा, जो अभी तक सिर्फ स्टेट मेडिकल इंट्रेंस एग्जाम की तैयारी को लेकर माइंड मेकअप करके बैठे थे। नेक्स्ट इयर से नीट को कंपल्सरी बनाने को लेकर केन्द्र के प्रपोजल पर राष्ट्रपति की मंजूरी पर आईनेक्स्ट ने मेडिकल की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स से इस मुद्दे पर बात की। सभी ने इस आदेश का स्वागत किया।

पहले से कम होगा काम्पिटीशन

मेडिकल की तैयारी करने वाले स्टूडेंट्स की माने तो इस आदेश के लागू होने के बाद स्टेट लेवल पर होने वाली मेडिकल प्रवेश परीक्षा में काम्पिटीशन काफी कम हो जाएगा। इससे उन स्टूडेंट्स को अधिक फायदा होगा जो अभी तक सिर्फ स्टेट लेवल की परीक्षा का मूड बनाकर तैयारी कर रहे थे। नीट को लेकर अचानक हुए आदेश ने ऐसे स्टूडेंट्स को काफी स्ट्रेस में डाल रखा था। लेकिन अब काफी राहत महसूस होगी। इतना ही नहीं नेक्स्ट इयर मेडिकल की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने वाले स्टूडेंट्स को भी पहले ये पता रहेगा कि उन्हें सिर्फ नीट ही देना है। इसके लिए वे अभी से माइंड सेट कर लेंगे।

सेशन पर नहीं पड़ेगा असर

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राष्ट्रीय पात्रता सह परीक्षा से स्टेट के मेडिकल कालेजों में सेशन लेट होने की संभावना बढ़ गई थी। एक्सप‌र्ट्स की माने तो नीट फेज वन के बाद फेज टू का रिजल्ट अगस्त में आना है। ऐसे में काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी करने में सितम्बर तक का समय लगना तय माना जा रहा है। लेकिन पुरानी व्यवस्था लागू होने से इस समस्या से निजात मिल जाएगी और सेशन पूर्व की भांति ही होंगे। नेक्स्ट इयर नीट को लागू करने के बाद सिर्फ एक ही परीक्षा का आयोजन होगा, वो भी समय से। जिससे सेशन लेट होने की समस्या भी पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।

स्टूडेंट्स से कहा

जो पहले से तैयारी कर रहे थे, उन्हें इससे काफी फायदा होगा। अभी तक सिर्फ नीट ने उन स्टूडेंट्स की काफी टेंशन बढ़ा दी थी। जो स्टेट लेवल पर आयोजित होने वाली मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी में जुटे थे।

रिया यादव

- सरकार के इस डिसीजन से लोकल लेवल पर टैलेंट्स को अच्छा मौका मिलेगा। नहीं तो सिर्फ नीट के चक्कर में इस बार कई स्टूडेंट्स को दाखिले के लिए वेट करना पड़ता।

अल्का

अपने स्टेट में क्वालीफाइड करने वाले स्टूडेंट्स को फायदा होगा। स्टेट के सीटों पर ज्यादातर उन्हें ही दाखिला मिलेगा। नीट के कारण दूसरे स्टेट से भी काफी संख्या में स्टूडेंट्स कॉम्पिटीशन बढ़ जाते।

शिवानी मिश्रा

- अचानक से हुए चेंज के कारण स्टूडेंट्स को माइंड सेट करने का मौका नहीं मिला था। लेकिन ये बदलाव उनके लिए राहत देने वाला है।

अवंतिका श्रीवास्तव

एक्सप‌र्ट्स ने जो कहा

नीट होना ही चाहिए। इससे स्टूडेंट्स को काफी लाभ होगा और एडमिशन में पारदर्शिता आएगी। लेकिन अचानक से हुए बदलाव के कारण स्टूडेंट्स को स्ट्रेस होने के साथ ही सेशन लेट होने की संभावना भी काफी बढ़ी थी। सरकार ये फैसला सराहनीय है।

केएन सिंह, बायोलॉजी एक्सपर्ट

सरकार जो कर रही है अच्छा कर रही है। एआईपीएमटी के ठीक पहले अचानक से हुए बदलाव के कारण स्टूडेंट्स मेंटली प्रीपेयर नहीं थे। सीपीएमटी कराना अच्छा रहेगा। नेक्स्ट इयर के लिए नीट ही सही च्वाइस रहेगी।

सुजीत कुमार सिंह, एक्सपर्ट