-पिछले महीने धूमनगंज पुलिस द्वारा इकराम व अकरम की खोली गई थी हिस्ट्रीशीट

PRAYAGRAJ: कसारी-मसारी में रविवार को हुई फायरिंग के बाद अकरम और इकराम का नाम पुलिस की पड़ताल में सामने आया। दोनों ही माफिया अतीक अहमद के भाई अशरफ के काफी करीबी बताते हैं। अतीक और अशरफ के इशारे में इनके काम करना इनका पेशा बन गया था। वर्ष 2011 में हुई तीन हत्याओं में भी इन दोनों का नाम खूब उछला था। अक्टूबर 2020 में धूमनगंज पुलिस द्वारा दोनों की हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। बावजूद इसके पुलिस इनकी गिरफ्तारी नहीं कर सकी। जिसका परिणाम यह हुआ कि दोनों के बीच हुई फायरिंग में गोली तीसरे व्यक्ति यात्री डा। अनूप को जा लगी।

2011 में चर्चा में आए थे दोनों

पुलिस द्वारा अकरम का हिस्ट्रीश नंबर 42 बी व इकराम का हिस्ट्रीशीट नंबर 41 बी बताया गया। पुलिस की मानें तो दोनों के खिलाफ हत्या व हत्या के प्रयास और साजिश जैसे मुकदमें दर्ज हैं। बताते हैं कि 2011 चार मई को अब्दुल रहमान की हत्या की थी। इस हत्या में इकराम व अकरम और जुबेर का नाम खूब उछला था। इसके बाद हुई अब्दुल रहमान के पिता मो। इस्तियाक की हत्या में भी इनके नाम सामने आए थे। 31 अगस्त 2011 में तीसरी हत्या इकराम के ससुर मुन्ने आला की हुई थी। इस मामले में भी इकराम का नाम खूब उछला था।

अकरम और इकराम दोनों की हिस्ट्रीशीट खोली गई थी। दोनों के खिलाफ आपराधिक मुकदमें हैं। इन पर बराबर नजर रखी जा रही थी। जल्द ही दोनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

-अरुण चतुर्वेदी, इंस्पेक्टर धूमनगंज