-आने वाले समय में तेजी से बढ़ेंगे प्याज के दाम

-थोक से फुटकर मार्केट में दो से तीन गुने का अंतर

vineet.tiwari@inext.co.in

ALLAHABAD: हर साल की तरह इस बार भी प्याज आपको रुलाने जा रहा है। इसकी शुरुआत हो चुकी है। थोक मंडी के मुकाबले फुटकर मार्केट में प्याज दो से तीन गुने दामों पर बिकने लगा है। अचानक आई इस तेजी से लोगों की जेब ढीली होने लगी है। जानकारों का कहना है कि शासन और प्रशासन जमाखोरी पर नहीं जागा तो भविष्य में प्याज की कीमत और अधिक हो सकती है।

खराब प्याज 30 से 50 रुपए किलो

यह जानकर आप चौक जाएंगे कि शहर की फुटकर मंडियों में बिक रहे प्याज की क्वालिटी बहुत अच्छी नहीं है, फिर भी इसके 30 से 50 रुपए प्रति किलो आपसे वसूले जा रहे हैं। दरअसल, वर्तमान में मध्य प्रदेश के रीवा, सतना और मैहर से प्याज का आयात किया जा रहा है। वहां पर भी प्याज का स्टाक लगभग खत्म होने को है। यहां से आने वाला प्याज छोटे साइज का है और इसके छिलका भी दागी है। इसकी कीमत थोक मंडी में बमुश्किल दस से बीस रुपए के बीच है। मगर, फुटकर मंडी तक पहुंचते-पहुंचते यह प्याज दो से तीन गुनी कीमत तक बिक रहा है।

दस से पंद्रह दिन में चढ़ेंगी कीमतें

मंडी व्यापारी बताते हैं कि महज दस से पंद्रह दिनों में मध्य प्रदेश में प्याज खत्म हो जाएगा। इसके बाद महाराष्ट्र के नासिक से प्याज का आयात किया जाएगा, जिसके बाद प्याज कहीं ज्यादा कीमत पर शहर में बिकेगा। जानकारों के मुताबिक, प्याज के दाम 70 से 80 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकते हैं। नासिक से आने वाला प्याज चार से पांच रुपए प्रति किलो भाड़े की दर से आएगा जिसकी कई गुना ज्यादा कीमत व्यापारियों द्वारा पब्लिक से वसूली जाएगी।

लगानी होगी जमाखोरी पर लगाम

प्याज के आयात के मौजूदा हालात को देखते हुए जमाखोर भी सक्रिय हो चुके हैं। उनकी इस हरकत से महज चार से पांच दिनों में प्याज के दामों में अचानक तेजी आई है। सोर्सेज की मानें तो जमाखोरी पर अभी से रोक नहीं लगाई गई तो पिछले सालों की तरह प्याज निश्चित तौर पर आम जनता को रुलाएगी। उधर, जमाखोरी के यही हालात महाराष्ट्र में भी बने हुए हैं। वहां पर भी प्याज को मनमाने दामों पर बेचा जा रहा है, जिससे दूसरे राज्य महंगाई की चपेट में आ चुके हैं।

इनसेट बॉक्स

रोजाना आता है 50 से 60 टन माल

शहर में रोजाना बड़ी मात्रा में प्याज की खपत होती है। केवल मुंडेरा मंडी के आंकड़ों पर जाएं तो रोजाना 50 से 60 टन प्याज मप्र से आयात होता है। जमाखोर इसे सस्ते दामों पर लेकर फुटकर बाजार में ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं। वहीं, एक बड़ा हिस्सा स्टॉक किया जा रहा है जो किल्लत के दिनों में मुंह मांगे दामों पर पब्लिक को बेचने की तैयारी की जा रही है। सोर्सेज की मानें तो शासन व प्रशासन ने जरूरी कदम नहीं उठाए तो भविष्य में प्याज सिरदर्द साबित हो सकता है।

आई नेक्स्ट ने किया था खुलासा

पिछले साल प्याज की जमाखोरी को लेकर आई नेक्स्ट ने जबरदस्त खुलासा किया था। हमारे अभियान पर मंडी समिति और प्रशासनिक अधिकारियों ने मंडियों में छापेमारी भी की थी। हमने बताया था कि किस तरह मंडियों में जमाखोरों का प्याज सड़ रहा है और पब्लिक को मजबूरी में प्रतिकिलो 80 रुपए तक अदा करने पड़ रहे हैं। लगभग इस बार भी ऐसे ही हालात बन रहे हैं।

वर्जन

शासन और प्रशासन अभी से सतर्क हो जाए तो प्याज की जमाखोरी से निपटा जा सकता है। ऐसा होने से पब्लिक को भविष्य में महंगा प्याज नहीं खरीदना पड़ेगा। इसके साथ ही केंद्र सरकार को महाराष्ट्र में जमाखोरी पर रोक लगानी होगी।

सतीश कुशवाहा, अध्यक्ष, हरी सब्जी मुंडेरा मंडी