प्रयागराज ब्यूरो । धूमनगंज थाना क्षेत्र के सुलेम सराय स्थित 24 फरवरी को दिनदहाड़े हुए उमेश पाल हत्याकांड में मारे गए सिपाही संदीप व राघवेंद्र के कारण इस बार पुलिस लाइन में होली मिलन समारोह का आयोजन नहीं किया गया। पुलिस विभाग अपने दो सिपाहियों के खोने के शोक में इस बार होली न खेलने का निर्णय लिया गया। हर बार पुलिस लाइन की होली विशेष तौर पर मनाई जाती थी और खूब धूम-धड़ाका होता था। इस बार बुधवार व गुरुवार के दिन पुलिस लाइन होली के दिन भी सूनी पड़ी रही। आम पब्लिक द्वारा भी रंग लगाने से परहेज करते रहे।

एक ने मौके पर तोड़ा था दम तो दूसरे ने अस्पताल में
उमेश पाल अपने 2008 में हुई अपहरण केस की पैरवी करके जिला अदालत से जयंतीपुर सुलेम सराय स्थित अपने आवास के लिए निकले थे। उमेश पाल के पीछे लगे शूटर्स कचहरी से ही उनकी गाड़ी के पीछे-पीछे चल रहे थे। उमेश पाल को इसकी भनक नहीं लगी जैसे ही जयंतीपुर अपने आवास के बाहर पहुंचे और गाड़ी का दरवाजा खोला वैसे ही घात लगाए उस्मान नाम के शूटर ने पहली गोली उमेश व सिपाही राघवेंद्र पर दाग दी। गोली लगने के बाद उमेश पाल कार के दरवाजे से टकराकर नीचे गिर जाते है। वहीं सिपाही राघवेंद्र भी गोली लगते गिर जाता है। संदीप निषाद गाड़ी से उतर ही नहीं पाता है। देखते ही देखते पीछे से कई शूटर्स आकर गोली व बम से हमला करने लगते है। जिसके अतीक का बेटा असद तक शामिल था। इस घटना में उमेश पाल व सिपाही संदीप निषाद की मौके पर मौत हो जाती है तो वहीं राघवेंद्र की पांच दिन इलाज के दौरान पीजीआई अस्पताल में मौत हो जाती है। इस घटना में शहीद हुये दोनों सिपाहियों का गम पूरा पुलिस विभाग भूल नहीं पा रहा है। यहीं कारण है होली का त्योहार इस बार जिले के अंदर पुलिस लाइन में नहीं मनाया गया।