प्रयागराज (ब्यूरो)। होम आइसोलेशन में रहने वाले कोरोना मरीजों को एक जैसी दवाएं दी जा रही है। यह दवाएं प्रोटोकाल के हिसाब से तय की गई हैं। इनमें पैरासिटामाल, आइवर मेक्टिन, एजिलिड, सेलिन, न्यूरोकाइंड शामिल हैं। इनमें बुखार और इंफेक्शन से बचाव की दवाएं हैं। सात दिन आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को यह दवाएं नियमित डोज के हिसाब से दी जा रही हैं। यही कारण है कि इन दवाओं की डिमांड बीस से पच्चीस फीसदी बढ गई है। लोग इन दवाओं को एडवांस में लेकर भी स्टोर कर रहे हैं।

मार्केट में दवा आई लेकिन बेहद महंगी

ऐसा नही है कि कोरोना के इलाज के लिए बाजार में दवा नही है। कंपनियों ने मौलीनापीरावीर नाम की दवा को बतौर एंटी वायरल लांच किया है। संक्रमित व्यक्ति को इसकी 800 मिलीग्राम डोज सुबह से शाम तक पांच दिन तक देनी है। इसकी एक टेबलेट की कीमत 60 से 65 रुपए तक है। प्रयाग केमिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष लालू मित्तल ने सरकार से इस महंगी दवा का दाम कम किए जाने की मांग की है। जिसे आम आदमी इसका उपयोग कर सके।

मास्क सबको चाहिए, सैनेटाइजर नही

इस बीच मार्केट में मास्क की डिमांड अधिक बढ़ गई है लेकिन दूसरी लहर की तरह सैनिटाइजर की मार्केट कम ही है। लोग मास्क पर अधिक यकीन कर रहे हैं। यही कारण है कि जिन दुकानदारों ने पहले से सैनिटाइजर का स्टाक कर लिया था वह बेकार हो रहा है। माल डंप होने से दुकानदार परेशान हैं। जबकि तीन रुपए का मास्क आसानी से दस रुपए में बेच रहे हैं। इस समय प्रयागराज में 2500 से अधिक मरीज होम आइसोलेशन में हैं।

कोरोना मरीजों को निर्धारित दवाएं दी जानी हैं। इनका प्रोटोकाल शासन से तय होता है। यही दवाएं डॉक्टरों द्वारा लिखी जा रही हैं। इस बार मरीजों को सात दिन में डिस्चार्ज किया जा रहा है।

डॉ। ऋषि सहाय, नोडल कोविड, स्वास्थ्य विभाग प्रयागराज