प्रयागराज (ब्यूरो)घटना नैनी थाना क्षेत्र के चक हीरानंद मोहल्ले में बुधवार की भोर में सामने आयी। सुल्तानपुर जिले के निवासी सत्य प्रकाश सिंह पीएसी कॉलोनी नेनी में परिवार के साथ रहते हैं। परिवार में दो बेटे और पत्नी संध्या है। सत्य प्रकाश एलआईसी के एजेंट हैं। उनका छोटा बेटा अरनव सिंह महर्षि विद्या मंदिर रामनगर में पढ़ता है। इस वर्ष वह इंटर फस्र्ट इयर में था। अब वह मौत की नींद सो चुका है। इसी कॉलेज में अरनव की ही कक्षा में जख्मी छात्रा भी पढ़ती है। बालिका नैनी के चक हीरानंद मोहल्ला की रहने वाली है। उसके पिता घूरपुर रोड पर मिश्रा फैमिली रेस्टोरेंट और ढाबा चलते हैं। परिवार में दो बेटे और एक बेटी है। सुनील ढाबे से कभी कभार ही घर आते थे। अरनव और छात्रा के बीच कापी-किताब के लेन-देन से नजदीकी शुरू हुई। इकलौती बेटी होने के नाते छात्रा घरवालों की दुलारी थी। इसीलिए उसे कोई टोकता नहीं था। इसकी वजह से स्कूल में उसका और अरनव के प्यार की जड़ अंदर ही अंदर फैलता चला गया।
एक किमी। दूरी पर है घर
दोनों के घर के बीच की दूरी करीब एक किलोमीटर है। सुनील के मकान का ग्राउंड फ्लोर बन चुका है। इसी में पूरा परिवार रहता है। सेकंड फ्लोर का निर्माण अधूरा है। छत पर पोर्च के नीचे से सीढ़ी गई हुई है। बताते हैं कि सुनील मंगलवार को ढाबे से घर आया था। रात में सभी खाना खाकर कर सभी सो गए। भोर करीब चार बजे बालिका उठी और कमरे के बाहर आने लगी। टोकने पर वह बताई कि पेट में दर्द हो रहा है। काफी देर तक वह लौटकर रूम में नहीं पहुंची तो उसका पिता टॉयलेट के पास जाकर आवाज दिया। कोई उत्तर नहीं आने पर वह छत के ऊपर अद्र्धनिर्मित कमरों में देखने लगा।
असलहा लेकर पहुंचा छत पर
इसी बीच अधूरे किचन की दीवार की आड़ में वह बेटी और अरनव को एक साथ देख लिया। यह देखते ही उसके सिर पर खून सवार हो गया। बेटी के विश्वास घात और अरनव की करतूत देख वह लाइसेंसी पिस्टल लेकर दौड़ पड़ा। पिता की मंशा को भांपते हुए बालिका अरनव के बचाव में आगे आ गई। बेटी की परवाह किए बगैर वह उस पर भी गोली चला दिया। पिस्टल से निकली एक गोली बालिका के हाथ तो दूसरी पेट में जा धंसी। गोली लगते ही वह छत की फर्स पर गिरकर तड़पने लगी। इसके बाद वह अरनव के जिस्म में भी दो गोलियां उतार दिया।
मौके पर पहुंचे अफसर
शरीर में दो गोली लगते ही अरनव दर पर दम तोड़ दिया। इसके बाद सुनील पिस्टल बेटी के हाथ में रखकर नीचे चला आया। गोलियों की आवाज और बेटी की कराह सुन घर के लोग और पड़ोस के लोग दौड़ पड़े। सुबह-सुबह इस घटना की खबर सुनते ही एसएसपी और एसपी यमुनापार फोर्स के साथ मौके पर पहुंचे। तड़प रही बालिका को एसआरएन हॉस्पिटल एडमिट कराने के बाद उसके प्रेमी की बॉडी को पुलस ने पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। वीडियो रिकार्डिंग और दो डॉक्टरों के पैनल द्वारा अरनव की बॉडी का पोस्टमार्टम किया गया। छानबीन में जुटी पुलिस को सुनील पहले भरमाता रहा। पुलिस के मुताबिक उसका कहना था कि गोली बेटी के द्वारा ही चलाई गई है। वह रात में मेज पर पिस्टल रखकर सो रहा था। पुलिस के मुताबिक जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो सुनील ने घटना को स्वीकार किया। उसे पुलिस द्वारा हिरासत में ले लिया गया है। मौके से पुलिस को चार खोखा और पिस्टम मिली है। पिस्टल के चेंबर में एक गोली फंसी हुई थी। कहा जा रहा कि वह पांचवी गोली भी दागने के फिराक में था। मगर फंस जाने के कारण फायर नहीं हो सका। मामले में लड़के के पिता की तरफ से तहरीर दी गई है। पुलिस के मुताबिक कहा गया है कि अरनव को सुनील व उसके दोनों बेटे हर्ष और उत्कर्ष द्वारा फोन करके बुलाया गया था। बालिका के पिता की तरफ से दी गई तहरीर में अरनव पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। फिलहाल सुनील को हिरासत में लेकर पुलिस देर रात तक मामले की छानबीन में जुटी रही।

घटना को मोल्ड करने की साजिश
प्रकरण की छानबीन में जुटी पुलिस से जुड़े सूत्रों की मानें तो अरनव की स्लीपर नीचे मिली है। उसका की पैड मोबाइल उसकी जेब में था। जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया है। पुलिस का मानना है कि कत्ल के बाद घटना को मोल्ड करने के लिए पिस्टल बालिका के हाथ में रखी गई थी। क्योंकि, यदि बालिका अरनव को गोली मारती तो खुद पर फायर नहीं करती। यदि मान लिया जाय कि वह स्वयं को गोली मारती थी तो वह हाथ में गोली मारने के बाद खुद के पेट में क्यों मारेगी। वह तो सीधे कनपटी पर लगाकर फायर कर लेती। यही वह सारे सवाल हैं जिसकी वजह मौके पर पहुंचे अफसरों को बताई गई कहानी हजम नहीं हुई।

घटना के बाद पूछताछ में यह साबित हुआ है कि बालक और बालिका एक दूसरे से प्यार करते थे। इस बात की तस्दीक एक युवती द्वारा भी की गई है। गोली मारने के बाद पिस्टर बालिका के हाथ में रखी गई। ऐसा प्रथम दृष्टया प्रतीत हो रहा है। कड़ाई से पूछताछ में घायल बालिका के पिता ने घटना को स्वीकार किया है। बालक के मोबाइल को कब्जे में ले लिया गया है।
अजय कुमार, एसएसपी प्रयागराज