प्रयागराज (ब्‍यूरो)। एक अफवाह कितने गुल खिलाती है, इसका सीधा सा उदाहरण नाटक आदाब अर्ज है का मंचन रहा। रविवार शाम एनसीजेडसीसी में नाट्य संस्था सात्विक की प्रस्तुति ने दर्शकों को हंसने पर मजबूर कर दिया। नाटक में दिखाया गया कि नाई जुम्मन की पत्नी जुबैदा यह अफवाह फैलाती है कि उसका पति ऐसा डाक्टर है जो मुर्दों में भी जान डाल सकता है। यह बात जब हिक्मत और फखरूत को पता चलती है तो वह अपने मालिक नवाब की बेटी शमीम के गूंगेपन के इलाज के लिए उसे ले जाता है। जुम्मन को पता चलता है कि शमीम तो अपने आशिक अली की याद में गूंगी हो गई है तो उसे अली के साथ भगा देता है। नवाब को जब पता चलती है तो वह जुम्मन को फांसी पर लटकाने का हुक्म देता है।

भूमिका से न्याय कर गए कलाकार
दर्शकों को गुदगुदाते इस मंचन में आगे दिखाया गया कि आशिक अली को पुश्तैनी जायदाद मिल जाती हैं। पैसों का लालची नवाब फौरन उससे अपनी बेटी की शादी के लिए तैयार हो जाता है। मंच पर कलाकारों ने अपने अभिनय से दर्शकों को खूब हंसाया। संगीत संचालन शशांक ने किया। शरद ने कलाकारों के वस्त्र डिजाइन किए। आदाब अर्ज है नाटक के मुख्य कलाकारों में सचिन चंद्रा जुम्मन की भूमिका में, अनामिका जुबैदा की भूमिका में, वैशाली ङ्क्षसह शमीम आरा की भूमिका में, भानुप्रिया त्रिपाठी फातिमा, मदन कुमार नवाब, शुभांकर हिक्मत की भूमिका में, शिवम प्रताप फखरूत और प्रत्युष आशिक की भूमिका में रहे।