प्रयागराज (ब्‍यूरो)। शहर में जुए के गेम का बेताज बादशाह है दीपक सरदार। ये कहना पुलिस का है। मगर पुलिस के साथ इसकी इतनी जोरदार सेटिंग थी कि कभी दीपक सरदार कानून के हथकंडे में नहीं फंसा। अपनी जान पहचान और नोटों के दम पर दीपक सरदार इतना फला फूला और इतनी कमाई किया कि उसे नोट गिनने के लिए मशीन खरीदने की जरुरत पड़ गई। अब पुलिस परत दर परत दीपक सरदार का इतिहास खंगालने में लगी है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही दीपक सरदार के काले कारनामों का राज फाश किया जाएगा।

दीपक के पास आ जाता था फोन
न्यू कैण्ट का रहने वाला दीपक सरदार जुए के खेल का बेताज बादशाह है। जहां शहर में जुए की फड़ पर लाख दो लाख में बड़े बड़े जुआरी दम तोड़ देते हैं, वहीं, दीपक सरदार के जुए की फड़ की शुरुआत की ढाई, तीन लाख के पहले गेम से होती थी। जिसका नतीजा रहा कि दीपक सरदार ने करोड़ों रुपये कमाए। यही नहीं, दीपक सरदार पर शराब तस्करी का भी आरोप है। ये दोनों आरोप पुलिस के लगाए हुए हैं। पुलिस सूत्रों की मानें तो क्राइम कंट्रोल के लिए जब शहर के सफेद पोश माफिया का नाम गिना गया तो उसमें दीपक सरदार का भी नाम सामने आया। एसीपी वरुण कुमार ने दीपक सरदार को कई बार ट्रेस करने की जुगत लगाई मगर हर पुलिस के पहुंचने के पहले कोई न कोई फोन दीपक सरदार के पास पहुंच जाता था, जिसके बाद वह गायब हो जाता था।

एसीपी ने लगाई टीम
धूमनगंज एसीपी वरुण कुमार लंबे समय तक उमेश पाल हत्याकांड के मामले को लेकर बिजी रहे। इस मामले से थोड़ा खाली होने के बाद जब दीपक सरदार की गोपनीय जांच पड़ताल शुरु कराई तो उसके कारनामें एसीपी वरुण को चौकाने वाले थे। मगर एसीपी वरुण कुमार ने धैर्य के साथ काम किया। नतीजा ये निकला कि दीपक सरदार अपने दो साथियों के साथ जुए की फड़ पर पकड़ लिया गया।

घर में मिली नोट गिनने की मशीन
नोट गिनने की मशीन शहर के बड़े बड़े व्यापारियों के पास शायद ही होगी। नोट गिनने की मशीन बहुत महंगी नहीं है, मगर इसकी जरुरत उसे ही पड़ती है, जोकि चोरी छिपे नोट की गिनती करता है या फिर उसकी कमाई इतनी होती है कि उसे नोट गिनने की मशीन की जरुरत पड़ जाती है। दीपक सरदार का कोई ऐसा बिजनेस नहीं है कि उसे नोट गिनने की मशीन की जरुरत पड़े। ऐसे में जाहिर है कि काली कमाई को गिनने के लिए उसने मशीन ली। अब सवाल उठना लाजमी है कि दीपक के पास काली कमाई आई कहां से। फिर ये सवाल है कि काली कमाई किस धंधे से की गई। फिर सवाल है कि काली कमाई को रोका क्यों नहीं गया। कहीं न कहीं दीपक सरदार की काली कमाई में पुलिस का रोल मिलेगा। मगर बदले माहौल में क्राइम कंट्रोल करने के लिए पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा की सख्ती का असर और एसीपी वरुण कुमार की तेजी का असर रहा कि दीपक सरदार अब पुलिस की राडार पर है।

मशीन क्यों ली, जांच शुरू
दीपक सरदार ने नोट गिनने की मशीन क्यों ली, जांच यहां से शुरू हो गई है। पुलिस के पास उसके काले कारनामों का कच्चा चि_ा है। मगर मशीन मिलने के बाद से पुलिस के कान खड़े हैं। पुलिस जांच में ये भी शामिल करेगी कि आखिर कौन वो लोग हैं, जिनके जरिए दीपक सरदार ने काली कमाई की और काली कमाई का जरिया बनाया।

इन बिंदुओं पर हो रही जांच
- दीपक सरदार की काली कमाई का जरिया क्या है।
- दीपक सरदार को किस किस से मदद मिलती रही है।
- दीपक सरदार के काले कारनामों में पुलिस का क्या रोल है।
- दीपक सरदार ने काली कमाई की रकम कहां खपाई।
- क्यों कभी दीपक के खिलाफ केस दर्ज नहीं किया गया।
- शहर के सफेदपोशों से दीपक का क्या रिश्ता है।

दीपक सरदार ने जुए और शराब तस्करी से काली कमाई की है। उसे घर से नोट गिनने की मशीन मिली है। आखिर उसकी जान पहचान किससे है, जिसके दम पर उसके खिलाफ कभी कानूनी कार्रवाई नहीं हुई। उसके काले कारनामों का इतिहास क्या है। इन सभी बिंदुओं पर जांच शुरू की गई है। जल्द ही बड़ा राजफाश होने की उम्मीद है।
वरुण कुमार, एसीपी धूमनगंज