प्रयागराज ब्यूरो । खून का थक्का जमने से केवल हार्ट अटैक का खतरा नहीं होता है। बल्कि इससे अन्य कई मर्ज होने के चांसेज बढऩे लगते हैं। डॉक्टर्स की माने तो ब्रेन हैमरेज और पैरो में भी दर्द की शिकायत हो सकती है। इसलिए किसी प्रकार की शंका होने पर तत्काल जांच करा लेना चाहिए। बता दें कि कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड से बॉडी में खून का थक्का जमने की चर्चा के चलते लोग भी होशियार हो गए हैं। इसके बाद लोग अपनी बॉडी की रूटीन जांच कराने की कोशिश में लग गए हैं।

खून के बहाव में पैदा होती है रुकावट

अगर बॉडी में नार्मली खून का बहाव हो तो कोई दिक्कत नही होती है। लेकिन, जब खून का थक्का जमने लगता है तो नसों में अवरोध उत्पन्न होता है और तमाम तरह की बीमारियों की संभावना बनने लगती है। जब यह खून का थक्का हार्ट में बनता है तो हार्ट अटैक का खतरा होने लगता है। ब्रेन में खून का थक्का जमने पर ब्रेन हैमरेज की शिकायत हा सकती है। पैरो में पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज के चलते चलने फिरने में दर्द होने लगता है। फेफड़े में ऐसा होने पर पल्मोनरी ब्राम्बो इम्बालिजम की शिकायत होती है और मरीज की समय पर इलाज नही मिलने पर अनहोनी भी हो सकती है।

मौके का फायदा उठा रही हैं पैथोलाजी

कोरोना वैक्सीन लगवाने वालों को अब तमाम तरह का डर सता रहा है। हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि घबराने की जरूरत नही है। विभिन्न प्रकार की पैथोलाजी जांच कराकर लोग बॉडी स्टेटस का पता लगा सकते हैं। खुद पैथोलाजी भी खून के थक्के जांच डी डाइमर कराने की अपील कर रही हैं। उनका कहना है कि इस जांच में खून का थक्का जमने की जानकारी होती है। इसी तरह हिमैटोलाजी और एलएफटी जांच के लिए भी प्रेरित किया जा रहा है। अन्य जांच में हार्ट की सलामती के लिए लोग कोलेस्ट्राल, डायबिटीज, विटामिन डी और एचएस सीआरपी जैसी जांचें कराने भी लोग पैथोलाजी पहुंच रहे हैं। इन सभी जांचों कीमत मार्केट में दो सौ से लेकर 2500 रुपए तक है।

क्या है मामला

देश में कोरोना महामारी से बचाव के लिए कोविशील्ड कोरोना वैक्सीन लांच की गई थी। इसकी सबसे ज्यादा डोज लोगों को लगाई गई। दूसरे नंबर पर को वैक्सीन और फिर स्पूतनिक आदि वैक्सीन रहीं। हाल ही में कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ने स्वीकार किया कि इसके साइड इफेक्ट से बॉडी में खून का थक्का जम सकता है। इसके बाद देशभर में हो रही हार्ट अटैक की घटनाओं को बल मिलने लगा है। हालांकि एक्सपट्र्स का कहना है कि घबराने की जरूरत नही है। बॉडी का रूटीन चेकअप कराकर किसी भी परेशानी से बचा जा सकता है। बता दें कि प्रयागराज में भी 80 फीसदी से अधिक लोगां को कोविशील्ड की डोज दी गई है।