प्रयागराज ब्यूरो । महाकुंभ 2025 के मद्देनजर रोड चौड़ीकरण को लेकर बनाए गए प्लान में सैकड़ों मकान का अस्तित्व खतरे में है। मकानों को तोड़कर रोड बनाने की चल रही प्रशासनिक कसरत का सलोरी शदियाबाद के लोग जबरदस्त विरोध कर रहे हैं। सोमवार को दर्जनों को पीडीए वीसी से मुलाकात की और अपनी बात रखी। आरोप है कि जो जवाब उनके जरिए दिए गए वह असंतोष जनक व गैर जिम्मेदाराना है। नाराज लोगों ने कहा कि वह मकान बचाने के लिए किसी भी हद तक जाएंगे। उनका विरोध प्रदर्शन व मकान बचाओ आंदोलन मांग पूरी होने तक जारी रहेगी।
कई महीने से चल रहा विरोध प्रदर्शन
संगम की रेत पर अगले वर्ष लगने वाले महाकुंभ को लेकर तमाम कार्य किए जा रहे हैं। इसी के तहत सड़कों के चौड़ीकरण का प्लान प्रशासन स्तर पर तैयार किया गया है। इस चौड़ीकरण में रसूलाबाद घाट, चांदपुर सलोरी शदियाबाद, कीडगंज त्रिवेणी मार्ग भी शामिल की गई है। इन सड़कों के किनारे वर्षों पुराने सैकड़ों मकान स्थित है। जिसमें हजारों लोगों का परिवार गुजर बसर करता है। रसूलाबाद के लोगों में एकता का अभाव रहा। लिहाजा प्रशासनिक दबाव में लोग खुद से अपने मकान तोड़कर लिए तो कुछ अभी तोड़ रहे हैं। मगर, यही अधिकारी जब कीडगंज व शदियाबाद में मकानों को तोडऩे के लिए कदम रखते तो विरोध शुरू हो गया। कीडगंज में कुछ दिन पहले ही लोगों ने चक्का जाम किया था। जबकि शदियाबाद पिछले कई महीने से मकान बचाओ आंदोलन शुरू है।
मेलाधिकारी का किया था घेराव
मकान बचाओ आंदोलन कर रहे लोग दो दिन पूर्व टीम संग सर्वे करने पहुंचे मेला अधिकारी विजय किरण आनन्द का घेराव किए। रविवार को सांसद केसरी देवी पटेल आवास पर उनके जरिए प्रदर्शन किया गया। सांसद के कहने पर वीसी ने लोगों से बात करने के लिए कार्यालय बुलाया। सोमवार को कार्यालय पहुंचे शदियाबाद के लोगों ने कछार से रोड बनाने की मांग की। कहना था कि वर्ष 2019 में इसी कछार से ही रोड बनाकर श्रद्धालुओं को अद्धाकुंभ में प्रवेश दिया गया था। लोगों की मानें तो वीसी से उन्हें कोई राहत भरा जवाब नहीं मिला है। ातीसमय कम होने की बात कहते हुए उन्होंने कछार से रास्ता बनाने की बात को खारिज कर दिया है। ऐसे में लोगों ने कहा कि उनकी मांग जब तक पूरी नहीं होगी, वह आंदोलन करते रहेंगे। जरूरत पड़ी तो वह इंसाफ के लिए कोर्ट तक जाने से पीछे नहीं हटेंगे।


महाकुंभ आज कोई पहली बार तो होगा नहीं। माघ मेला और कुंभ व महाकुंभ पहले भी होते रहे हैं। मगर किसी का मकान तोड़कर महाकुंभ के नाम से लोगों को बेघर करना ठीक नहीं है। जब कछार से रास्ता बनाने का आप्शन है तो फिर लोगों के घरों को तोडऩे का क्या औचित्य है।
बृजेश उपाध्याय, शदियाबाद

यह विभाग का अडिय़ल रवैया है। रोड चौड़ीकरण के नाम पर जबरदस्ती लोगों का घर तोड़ा जाना न्यायोचित नहीं है। पीडीए को चाहिए कि वह कछार से महाकुंभ के लिए रास्ता बनाए। महाकुंभ के नाम पर घरों को तोडऩे के कार्य का विरोध हर स्तर पर किया जाएगा।
संदीप पाल, शदियाबाद

इस एरिया में मीडियम क्लास के लोग रहते हैं। उन्हीं का रोड चौड़ीकरण में मकान तोड़ा जा रहा है। हम लोग किसी तरह जीवन बसर कर रहे हैं। सड़क चौड़ी करना है तो कछार से बना लें। जितनी इच्छा हो रोड चौड़ी बनाएं। किसी का घर तोड़कर रोड चौड़ी किया जाना सरासर गलत है।
पप्पू पासी, शदियाबाद

सांसद आवास पर धरने के बाद वीसी द्वारा समय दिया गया था। सोमवार को मिले तो वह कछार से रोड बनाने के लिए वक्त कम होने की बात कहे। वक्त कम है तो किसी का मकान तोड़ देंगे। यह विभाग की ताना शाही है। जिसका विरोध हर स्तर पर किया जाएगा।
काजू भाई, शदियाबाद

एरिया में कई ऐसे लोग हैं जिनका मकान चौड़ीकरण में टूटने के बाद उनके पास रहने के लिए एक रूम भी नहीं बचेगा। ऐसे लोगों परिवार लेकर कहां जाएंगे। उनके भविष्य व परिवार का क्या होगा? बगैर यह सारी बातें सोचे रोड चौड़ीकरण के नाम पर मकान तोडऩे की जिद की जा रही है।
मंजीत निषाद, शदियाबाद

पीडीए वीसी कहते हैं कि कुछ महीने बाद बारिश शुरू हो जाएगी। उनके पास अब कछार से रोड बनाने के लिए समय नहीं है। महाकुंभ के कार्यों की तैयारी आज से तो चल नहीं रही। यह बात अधिकारियों को पहले ही सोच लेनी चाहिए।
सुधीर निषाद, शदियाबाद

महाकुंभ के नाम पर जिले में सरकार के धन का दुरुपयोग और पब्लिक के साथ अत्याचार किया जा रहा है। पीडीए किसी को घर बनाकर दे नहीं सकता तो उनके मकान तोडऩे का भी अधिकार उसे नहीं है। यदि मांग पूरी नहीं हुई तो मजबूरन हम लोगों को इंसाफ के लिए कोर्ट जाना होगा।
डब्लू शुक्ला, शदियाबाद