प्रयागराज (ब्‍यूरो)। मौजूदा सत्र में सीबीएसई ने बोर्ड ने स्टूडेंट्स की उपस्थिति को लेकर कडे कदम उठाए हैं। खासकर डमी स्कूलों पर कड़ा प्रहार करने की कोशिश की है। आदेश में दसवीं और बारहवीं के स्टूडेंट््स के लिए 75 फीसदी हाजिरी अनिवार्य कर दी गई है। इससे कम होने पर उनको बोर्ड परीक्षा में बैठने नही दिया जाएगा। यह भी कहा गया है कि उपस्थिति के रिकार्ड को स्कूल उति तरीके से सहेज कर रखें और इनको समय समय पर अपडेट करते रहें।

मैनेज करना मुश्किल
अभी तक सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षा में बैठने केलिए 60 फीसदी उपस्थिति को अनिवार्य किया था। हालांकि इसे भी डमी स्कूल जैसे तैसे मैनेज करते थे। लेकिन अब सीबीएसई ने कड़ा रुख अपनाया है। बोर्ड ने इस मानदंड को 75 फीसदी करते हुए किसी भी तरह की नरमी बरतने से इंकार कर दिया है। हाल ही में देशभर में सीबीएसई ने डमी स्कूलों पर छापामार कार्रवाई कर उनको नोटिस जारी की है। बावजूद इसके हालात सुधरने का नाम नही ले रहे हैं।

क्या हैं डमी स्कूल
डमी स्कूलों का बहुत बड़ा नेटवर्क है। यह देश के हर शहर में मौजूद हैं। जो छात्र मेडिकल, इंजीनियरिंग सहित तमाम प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं, उनको यह अपने यहां एडमिशन देकर उपस्थित नही होने पर भी उनका 75 फीसदी से अधिक उपस्थिति डाटा उपलब्ध कराते हैं। ऐसे में छात्र स्कूल नही जाते हुए भी आराम से अपनी तैयारी करता है और बोर्ड परीक्षा में भी एपीयर हो जाता है। तमाम स्कूलों में इस तरह से हर साल लाखों-करोड़ों का वारा न्यारा किया जाता है।

सुधार के लिए कदम
एक्सपट्र्स का कहना है कि नई नीति का उद्देश्य छात्रों को नियमित उपस्थिति के लिए प्रेरित करना और शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता को बढ़ाना है। जिससे बेहतर वातावरण में छात्र शिक्षा ग्रहण करें। सीबीएसई ने सभी छात्रों और स्कूलों को उनकी ओर से दिए गए दिशा-निर्देश की पालन करने की अपील की है। ऐसा करने पर छात्र-छात्राएं बोर्ड परीक्षा में समिलित हो सकेंगे और अपनी शैक्षणिक यात्रा को सफलतापूर्वक आगे बढ़ा सकेंगे। ऐसा करने से प्रतियोगी परीक्षाओं में भी शामिल होने वालों के बीच बराबरी का मुकाबला हो सकेगा।

खतरे में होगी मान्यता
सीबीएसई ने अपने नए सर्कुलर में यह भी कहा है कि हाजिरी रजिस्टर हर समय उपलब्ध होना चाहिए। इसमें स्कूल शिक्षक और अन्य अधिकारियों के साइन भी होंगे। अगर निरीक्षण के दौरान कोई भी कमी नजर आई तो स्कूल की मान्यता भी रद की जा सकती है। साथ ही उपस्थिति में 25 फीसदी छूट उन छात्रों को दी जा रही है जो चिकित्सा आपात स्थिति में है या राष्ट्रीय खेलों में भागीदारी निभा रहे हैं या फिर अन्य गंभीर कारणों से अनुपस्थित नहीं हो पाए हैं। इन कारणों से भी छात्र नही आया है तो उसे स्कूल प्रशासन के सामने संबंधित दस्तावेज भी प्रस्तुत करने होंगे।

बोर्ड परीक्षा में एपीयर होने वाले स्टूडेंट्स की 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य कर दी गई है। इसे इस साल सीबीएसई ने सख्ती से लागू करने को कहा है। सर्कुलर भी इसका आ चुका है।
सुष्मिता कानूनगो
प्रेसीडेंट, प्रयागोदया सहोदया स्कूल काम्प्लेक्स इलाहाबाद चैप्टर

सीबीएसई का यह अच्छा कदम है। इससे शिक्षा प्रणाली की गुणवत्ता में सुधार होगा। इसके साथ डमी स्कूलों के खिलाफ एक्शन लिया जा सकेगा। हजारों स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद हैं आदेश।
आशीष रंजन
सेक्रेटरी, प्रयागोदया सहोदया स्कूल काम्प्लेक्स इलाहाबाद चैप्टर