प्रयागराज ब्यूरो । आप को मोबाइल चलाने के वह ट्रिक मालूम हैं जिससे सुरक्षा के साथ घर के बच्चों के लत न लगे? यदि नहीं तो थोड़ा रुकिए। आज इस पूरी खबर को गौर से पढि़एगा। क्योंकि आज हम जो खबर बताने जा रहे हैं वह आप के बहुत काम की है। इससे बैंक अकाउंट तो सेफ होंगे ही, बैड एटीट्यूट के शिकार हो रहे बच्चों को भी बचाने में आप कामयाब हो सकते हैं। साइबर थाने के एक्सपर्ट बारह सेफ टिप्स को कोड किए हैं। जिस पर अमल कोई भी शख्स या उसका परिवार इस मोबाइल फोबिया सेब बच सकता है। दरअसल बढ़ती साइबर की घटनाएं और मोबाइल से बिगड़ते तमाम बच्चों को बचाने की दिशा में एक्सपर्ट काम कर रहे थे। कड़ी मेहनत समझ एवं अनुभव के आधार सूची बद्ध मोबाइल चलाने के तरीकों वह स्कूलों में छात्र एवं छात्राओं को भी बताएंगे। ताकि बच्चे खुद भी चीजों को गंभीरता से समझें और आदत में लाने की कोशिश कर सकें।

बगैर बताए कट जाते हैं खाते से पैसे
इस दौर में स्मार्ट मोबाइल फोन खरीद लेना कोई बड़ी बात नहीं हैं। दस से बारह हजार रुपये में यह नार्मल स्मार्ट फोन
मार्केट में मिल जाते हैं। स्मार्ट मोबाइल हाथ में आते ही लोग ऑनलाइन गेम से लेकर मूवी देखने व विभिन्न ऐप से मनी ट्रांजेक्शन जैसे कार्य करने लगते हैं। मगर इस दौरान बरती जाने वाली सावधानियों से अनभिज्ञ होने के कारण वे ठगी के शिकार होने लगते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं सुरक्षा उपायों की जानकारी के बगैर लोग मूवी या गेम अथवा ऑनलाइन शापिंग जैसे अन्य ऐप मोबाइल में लोड कर लेते हैं। ऐप लोड करने से पूर्व ऑन लाइन पेमेंट के लिए ओटीपी भी मोबाइल आ जाते हैं। जिसे फीड करने के बाद ही वे ऐप लोड होते हैं। इसके बाद अक्सर बैंक अकाउंट से बगैर ट्रांजेक्सन किए या ओटीपी के सौ, से पांच सौ व हजार रुपये तक कटते रहते हैं। पैसा जा रहा यह मैसेज से मालूम तो चल जाता है पर निकाल कौन रहा यह किसी को नहीं मालूम होता। दरअसल एक्सपर्ट इसके पीछे एक बड़ा गेम को कारण बताते हैं।

मोबाइल नहीं बच्चों को दें खिलौने
हम आप को कारण और इससे बचाव के तरीके भी बताएंगे। मगर इसके पहले आप यह जान लीजिए कि मोबाइल से परिवार और बच्चों को कैसे बर्बाद कर रहा है। एक्सपर्ट कहते हैं कि बच्चों को मोबाइल खुद से चलकर बिगाडऩे नहीं आता। इसके पीछे परिवार के लोग ही काफी हद तक बड़ी वजह है। मासूम बच्चों को मोबाइल में वीडियो या गेम आथवा कार्टून दिखाने की आदत घर परिवार के बड़े ही उनमें डालते हैं। चूंकि मोबाइल में वे सारी चीजें कलर और चलचित्र में देखते हैं। इसलिए
बच्चों को वह चीजें अच्छी लगने लगती हैं। बस यहीं से मोबाइल के लिए जिद करने लगते हैं। धीरे-धीरे वे बच्चे इस मोबाइल की चीजों को देखकर खुद भी वैसे ही करने लगते हैं। इससे एक वक्त ऐसा आता है जब मोबाइल उनके दिमाग पर हावी हो जाता है, तब तब देर हो चुकी होती और बच्चे मोबाइल को लेकर जिद्दी और बैड एटीट्यूट के शिकार हो चुके हैं। बच्चों को उनके माता पिता व्यस्तता के चलते भी मोबाइल इस लिए भी पकड़ा देते हैं। बस यहीं से बच्चों को मोबाइल बिगाडऩा शुरू कर देता है। मोबाइल से वे उन तमाम चीजों को देख और समझ लेते हैं, जिसकी उन्हें जरूरत ही नहीं होती।

बक्समुसीबत से आपको बचाएंगी ये 12 बातें
1- मोबाइल में पेड ऐप डाउन लोड करते समय पेमेंट के लिए मोबाइल पर आने वाली ओटीपी मांगी जाती है। ओटीपी डालते समय ही खेला होता है।
2- एक्सपर्ट कहते हैं कि ज्यादातर लोग जानकारी के अभाव में ओटीपी डालकर ऐप का चार्ज पे करके छोड़ देते हैं।
3- बस यही गलती लोगों लोगों को नहीं करनी चाहिए। एक्सपर्ट कहते हैं कि ओटीपी डालने के बाद बगल के डी लिंक ऑप्सन पर क्लिक जरूर करें।
4- डी लिंक ऑप्सन पर क्लिक पर क्लिक नहीं करने से वह ओटीपी आटो आप्सन मोड में स्वयं चला जाता है।
5- इसके बाद कंपनी बगैर बताए या ओटीपी मांग अकाउंट से कभी दो सौ तो कभी हजार पांच सौ रुपये निकालती रहती है।
6- अक्सर आप की डीपी पर लगी तस्वीर ब्लैकमेलिंग का कारण बन जाती है। इस लिए सोशल मीडिया पर हैं तो लॉक सिस्टम को यूज जरूर करें।
7- घर में यदि छोटे बच्चे हैं तो मोबाइल में कोड लॉक लगा कर रखें। ताकि वे खुद मोबाइल ओपन नहीं कर सकें।
8- क्योंकि मोबाइल पर तमाम तरह के आप्शन आते रहते हैं वे किसी भी क्लिक कर सकते हैं, इससे आप का अकाउंट खाली हो सकता है।

9-वाट्सएप से लेकर अन्य तमाम चीजों को लॉक करके रखें, ताकि बच्चे अपने काम के सिवा कुछ भी चीज ओपन नहीं कर पाएं।
10-बच्चे खेलने के लिए मोबाइल मांगे तो कोशिश करें कि उन्हें खिलौने दें, इससे उनमें मोबाइल की आदत नहीं पड़ेगी।
11- उनके सामने खुद भी मोबाइल को बहुत देर तक चलाने से बचें, उनके सामने स्वयं भी मूवी आदि देखने से परहेज करे।
12- मोबाइल में बच्चों को वह कार्टून नहीं दिखाएं जिसमें बच्चे जिद्द करते हों या एटीट्यूट प्रदर्शित होता हो।


खबरदार: मदद करने में चले जाएंगे जेल
हम आप के मोबाइल में पांच सौ भेज दे रहे हैं, आप हमें कैश दे दीजिए.्र दरअसल मैं कैश निकालना या घर से लेना भूल गया था। भाई साहब एक कॉल लगा दीजिए, हमारा मोबाइल डिस्चार्ज हो गया है। अक्सर अनजान व्यक्ति भी ऐसी हेल्प की डिमांड कर लेते हैं। यदि आप से कोई अनजान व्यक्ति ऐसा कुछ कहे तो हामी भरने से पहले सौ बार सोच लीजिएगा।
क्योंकि यह समाज सेवा आप को जेल भी पहुंचा सकती है। साइबर एक्सपर्ट कहते हैं कि वह साइबर ठग भी हो सकता है। किसी के हैक किए खाते से वे पैसा आप के अकाउंट में भेज कर उनका कैस उससे कम रुपये लेकर चला जाएगा। मगर जब हैक किए गए खाते का मालिक शिकायत करेगा तो पुलिस मनी ट्रांजेक्शन के आधार आप के बैंक से एड्रेस लेकर घर से दबोच लेगी। खाते में उस पैसे के ट्रांजेक्शन को झुठला नहीं पाएंगे और मजबूत साक्ष्य होने से फंस जाएंगे। आप के मोबाइल से सामने वाला किसके पास काम किया यह पता नहीं होगा। वह व्यक्ति यदि किसी को आप के मोबाइल से धमकी देकर रंगदारी मांग लिया या अपराधी से ही बात किया तो जांच में कॉल डिटेल के आधार पर भी आप बेगुनाह होते हुए गुनहगार बन जाएंगे।


लोग मोबाइल तो खरीद लेते हैं पर उसे चलाने का तरीका बहुत कम ही जानते हैं। मोबाइल में गेम व वीडियो आदि के ऐप लोड करते समय सतर्क रहने की जरूरत है। वर्ना बगैर बताए बैंक से हर महीने हफ्ते थोड़े थोड़े पैसे कटते रहते रहेंगे, पैसा दस रुपया भी कटे तो लोगों को तुरंत बैंक या साइबर सेल में संपर्क करना चाहिए।
राजीव तिवारी, प्रभारी साइबर थाना