प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के प्रति कुलपति और हिंदी विभाग के प्रोफेसर सत्यकाम को यूपीआरटीओयू का कुलपति नियुक्त किया गया है। प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने कुलाधिपति की हैसियत से प्रोफेसर सत्यकाम को 12वें कुलपति के रूप में नियुक्त किया गया है। वह शुक्रवार को कार्यवाहक कुलपति के रूप में कार्यभार संभाल रहे प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश सिंह से पदभार ग्रहण करेंगे।

11वींं कुलपति थी प्रो.सीमा सिंह
राज्यपाल ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी में शिक्षाशास्त्र विभाग की प्रोफेसर सीमा को 12 अप्रैल 2021 को यूपआरटीओयू का 11वां कुलपति नियुक्त किया था। प्रो.सीमा सिंह की नियुक्ति तीन वर्ष के लिए की गई थी। कार्यकाल पूर्ण होने के तत्पश्चात वह मूल पद पर वापस चली गई थी। इसके बाद राज्यपाल ने नए कुलपति न होने तक प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया स्टेट यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार सिंह को कार्यवाहक कुलपति नियुक्त किया गया था। इसी बीच प्रोफेसर अखिलेश सिंह का कार्यकाल भी स्टेट यूनिवर्सिटी में पूरा हो गया है। यहां उनका कार्यकाल तीन वर्ष के लिए फिर से बढ़ा दिया गया है। अब राज्यपाल ने इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी के प्रति कुलपति और हिंदी विभाग के प्रोफेसर सत्यकाम को नया कुलपति नियुक्त किया गया।

तीन वर्षों के लिए हुई नियुक्ति
मूलरूप से बिहार बक्सर जिले के रहने वाले प्रो.सत्यकाम की नियुक्ति यूपीआरटीओयू कुलपति के पद पर तीन वर्षो के लिए हुई हैं। बक्सर के रहने वाले प्रो.सत्यकाम ने पटना यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर राम खेलावन राय के निर्देशन में हिंदी विषय से पीएचडी की उपाधी हासिल की है। वह 36 वर्षों से इग्नू नई दिल्ली में सेवारत हैं। वर्तमान में वह प्रति कुलपति हैं। उन्होंने बताया कि वह शुक्रवार को प्रयागराज पहुंच कर पदभार ग्रहण करेंगे।

महिला-किसान और मजदूरों को बनाएंगे शिक्षित
यूपीआरटीओयू के नवनियुक्त कुलपति प्रो.सत्यकाम ने कहा कि दूरस्थ शिक्षा में पाठ्यक्रम गुणवत्तापूर्ण बनाया जाएगा। यूनिवर्सिटी से छात्रों की पहुंच बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं साहित्य का विद्यार्थी हूं, लेकिन टेक्नोलॉजी में मेरी रूची रहती है। ऐसे मेंं यूनिवर्सिटी को टेक्नोलॉजी से जोड़ा जाएगा। अब हर हाथ में स्मार्टफोन है तो यूनिवर्सिटी भी हर हाथ में पहुंचेगी। विभिन्न बोर्ड के 12वीं परीक्षा परिणाम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि छात्राओं की धमक है। ऐसे में छात्राओं को यूनिवर्सिटी से जोडऩा प्राथमिकता होगी। उन्हें शिक्षित बनाया जाएगा। इसके अलावा जो किसान अथवा मजदूर नहीं पढ़ पाते हैं उन्हें भी शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ा जाएगा। प्रोफेसर सत्यकाम ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भारत को विकसित बनाएंगे।