प्रयागराज ब्यूरो । प्रयागराज- जंक्शन पर करोड़ों की लागत से तैयार हो रहे स्काई वाक को बनने से कुंभ को दिव्य बनाने की पहलपहले ही जमीदोज किया जा रहा है।

दरअसल, महाकुंभ 2025 की तैयारियों में लगा रेलवे प्रयागराज जंक्शन को नए सिरे से एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाने की तैयारियों में लगा है। इसके लिए जो डिजाइन इंजीनियर्स ने तैयार की है, उसमें यह स्काई वाक रोड़ा बनने लगा था। ऐसे में अधिकारियों ने इसे पूरा बनने से पहले गिराने का निर्णय ले लिया है।

दो चरण हो चुके हैं पूरे

स्काई वाक के बनने से यात्रियों को काफी लाभ होना था। वह एक से दस नंबर प्लेटफार्म पर सीधे आसानी से पहुंच सकते थे। इसकी लागत 27 करोड़ रुपए है। इसे तीन चरणों में पूरा किया जाना था, अब तक दो चरण में 80 फीसदी काम भी पूरा हो चुका है। इसकी लंबाई भी 557 मीटर बताई जा रही है।

आरओबी और आयूबी पर हुई चर्चा

महाकुंभ की तैयारियों का लेेकर गुरुवार को जिला प्रशासन और रेलवे के बीच बैठक का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता मंडल रेल प्रबंधक हिमांशु बडोनी ने की और बैठक में कमिश्नर विजय विश्वास पंत और डीएम संजय कुमार खत्री भी उपस्थित रहे। मंडल रेल प्रबंधक ने इस मौके पर कहा कि महाकुंभ से जुड़ें सभी कार्य सितंबर 2024 से पहले खत्म किए जाने हैं। इस अवसर पर आरओबी और आरयूबी पर जमकर चर्चा हुई। जिसमें लेवल क्रासिंग संख्या &4 ए (छिवकी) & (बेगम बाजार), &2, 424 (जसरा यार्ड), सूबेदारगंज में रोड ओवर ब्रिज, 17 (जिगना-मांडा), 20 (मांडा-ऊंचाडीह), 29 (भीरपुर-करछना), 78/एसपीएल (प्रयाग), फाफामऊ-प्रयाग के मध्य लेवल क्रासिंग संख्या 75/ए, 76/एसपीएल (प्रयाग यार्ड) सहित अन्य बन रहे आरओबी व आरयूबी की प्रगति पर भी चर्चा हुई। इनकी उपयोगिता के बारे में भी बैठक में बताया गया।

गैप एनालिसिस के ज्वाइन टीम का गठन

बैठक में रेल प्रशासन द्वारा प्रयागराज जंक्शन, नैनी जंक्शन, छिवकी, सूबेदारगंज, प्रयाग स्टेशन, प्रयागराज संगम, फाफामऊ, झूंसी व प्रयागराज स्टेशन के लिए गैप एनालिसिस के लिए ज्वाइन टीम का गठन किया गया है। डीएम ने बैठक में अपनी ओर से शीघ्र नामांकन का आश्वासन भी दिया है। बता दें कि पहले चरण में 1&4 मीटर, दूसरे चरण में 24& मीटर लंबा स्काई वाक का काम 2019 में शुरू हुआ और 2020 तक पूरा होना था। इसमें लगभग 12 करोड़ रुपये खर्च हुए है।

जंक्शन पर दो लेयर वाले दो कांकोर्स बनेंगे, जिससे भीड़ और कुंभ के समय अधिक से अधिक यात्रियों को यहां व्यवस्थित तरीके से रोक सकें। ट्रेन का इंतजार कर सकें। एक कांकोर्स से दूसरे तक जाने के लिए स्काईवाक को हटाया जाना अनिवार्य है।

हिमांशु शेखर उपाध्याय, सीपीआरओ, एनसीआर