साजिश के तहत फंसाने का आरोप लगाकर खुद को निर्दोष बताता रहा सुग्रीव

चाचा भतीजे को दोषी बताते रहे अफसर, किस तरह की साजिश का जवाब देता इसके पहले सभागार से लेकर चली गई एसओजी यमुनापार की टीम

PRAYAGRAJ: आधी से ज्यादा जिंदगी जी चुके किसान व उसके युवा भतीजे को पकड़ कर एसओजी यमुनापार ने तमंचे की फैक्ट्री का खुलासा किया है। वृद्ध किसान हाथ जोड़कर खुद को बेगुनाह बताता रहा और पुलिस उसे दोषी ठहराती रही। पकड़े गए चाचा भतीजे के पास से कुल चार तमंचा व तमंचा बनाने के उपकरण मिलने का दावा किया गया है।

तमंचा व बनाने का सामान बरामद

यमुनापार एसएसपी ने पूरी गिरफ्तारी का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पंचायत चुनाव के मद्देनजर अवैध शस्त्र व शस्त्र बनाने की फैक्ट्री के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत घूरपुर और एसओजी यमुनापार प्रभारी टीम के साथ भ्रमण पर थे। इस बीच मिली सूचना पर सुग्रीव नट निवासी गौहानी थाना लालापुर व इसके भतीजे रमेश कुमार को भीटा पावर हाउस से गिरफ्तार किया गया। दावा किया गया कि इनके पास से दो देशी तमंचा 315 व दो तमंचा 12 बोर, दो अ‌र्द्ध निर्मित नाल, ट्रेगर, होले की कील, हथौड़ा सहित तमंचा बनाने के आदि उपकरण मिले हैं। प्रेस वार्ता में वृद्ध सुग्रीव खुद को निर्दोष बता रहा। उसका कहना था कि वे एक किसान है। उसे साजिश के तहत फंसाया गया है। किस तरह की साजिस? के सवाल पर जवाब देता इसके पहले टीम उसे लेकर सभागार से बाहर निकल गई।

निरुत्तर रह गए ये सवाल

यदि दोनों तमंचा बनाने की फैक्ट्री चलाते थे किसे बेचते थे इस सवाल का उत्तर किसी के पास नहीं था

तमंचा कितने में बेचते थे और जिले के वे कौन लोग थे जो खरीदा करते थे यह भी पुलिस को मालूम नहीं था

कहां और अब तक कितने तमंचे इनके द्वारा पकड़े गए, इस सवाल का जवाब भी किसी के पास नहीं रहा

दोनों का कोई पुराना क्राइम रेकार्ड के सवाल पर बताया गया कि पहली दफा दोनों पकड़े गए हैं

पकड़े जाने के बाद हर अभियुक्त खुद को निर्दोष ही बताता है। तमंचा किसे और कितने में बेचा करते थे, इस बात की जांच की जा रही है। सब कुछ विवेचना में सामने आ जाएगा।

चक्रेश मिश्रा,

एसपी यमुनापार