प्रयागराज ब्यूरो । एटीएस की पूछताछ में दीपक ने बताया कि वह 12-14 वर्षों से भारतीय जाली मुद्रा की अन्तरराज्यीय स्तर पर तस्करी का काम कर रहा है। पहले वह 40 हजार रुपये के बदले एक लाख रुपये नकली नोट लेकर यूपी, बिहार, पंजाब, दिल्ली व राजस्थान में सप्लाई करता था। 2013 में उसे एसटीएफ ने प्रयागराज से ही गिरफ्तार किया था। जेल से छूटने के बाद वह फिर इसी काम में लिप्त हो गया। 2018 में उसे दिल्ली की स्पेशल सेल ने साढ़े सात लाख रुपये नकली नोटों के साथ गिरफ्तार किया था। वहां से भी छूटने के बाद फिर ने नकली नोटों की तस्करी करने लगा। मई 2021 में प्रयागराज के रामू ने एक लाख रुपये की नकली नोट ली थी, जिसे डिलीवर करने रूपेश प्रयागराज गया था। प्रयागराज एसटीएफ ने उसे पकड़ लिया था।

दीपक ने बताई अपनी कहानी
पकडऩे के बाद पता चला कि उसी मामले में उसे (दीपक को) भी नामजद कर लिया गया है। जिसके बाद वह सतर्क हो गया। पिछले दिनों दीपक की तलाश में एक टीम मालदा गई थी, लेकिन इसकी जानकारी दीपक को हो गई थी और वह फरार हो गया था।
दीपक ने बताया कि वह भाग कर किसी तरह केरल के त्रिवेंद्रम पहुंच गया था, जहां एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया था। कीडगंज एवं शिवकुटी थाने में भी आरोपित के खिलाफ केस दर्ज है। यूपीएटीएस की इस गैंग पर काफी दिनों से नजर थी। शातिर दीपक मंडल प्रयागराज के शाहगंज थाना क्षेत्र में जाली नोटो की सप्लाई देने आया था। एटीएस का कहना है कि जाली नोटो का तस्करी करने वाले गैंग के अन्य सदस्यों को शीघ्र ही गिरफ्तार किया जायेगा।