प्रयागराज (ब्‍यूरो)। फरवरी और मार्च का महीना जॉब करने वालों के लिए अच्छा नहीं होता। सैलरीड लोगों के लिए इन दो महीनो में सैलरी का बड़ा हिस्सा कटकर पहुंचता है। फरवरी तो जैसे तैसे मैनेज हो जाता है लेकिन मार्च बड़ी परीक्षा लेता है। क्योंकि इस महीने में बड़ा फेस्टिवल होली होता है और इसी महीने में उन्हें एक अप्रैल से नेक्स्ट क्लास में प्रमोट हो रहे बच्चे के लिए ड्रेस से लेकर स्टेशनरी तक की खरीद करनी होती है। इसके अलावा उनके ऊपर सेविंग्स का भी प्रेशर होता है जो टैक्स का कटा एमाउंट वापस पाने में मददगार हो सकता है। इस चक्कर में सैलरीड परसंस के लिए इस महीने घर का बजट मैनेज करना बेहद मुश्किल हो रहा है।

एक तिहाई सैलरी तो कट गयी
हेल्थ डिपार्टमेंट में एक बड़े पद पर तैनात डॉक्टर ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि उनकी एक तिहाई सालाना सैलरी हर साल इनकम टैक्स के रूप में कट जाती है। वह 80 हजार से अधिक जीपीएफ कटवाते हैं। वह पुरानी पेंशन स्कीम में है। फिर भी उनकी सैलरी बच नही पाती है। यही रोना बाकी डॉक्टर्स या सीनियर कर्मचारियों का है। उनका कहना है कि अधिकतम डेढ़ लाख की ही छूट मिलती है। जबकि टैक्स इससे अधिक बनता है।

होम लोन दिलाता है थोड़ी राहत
अधिकतर हाई सैलरी पेशा लोग होम लोन लेते हैं। पिछले कुछ साल तक होम लोन लेने पर उनको इनकम टैक्स में छूट मिल जाती थी लेकिन अब सरकार ने इस पर भी नजर गड़ा दी है। बता दें कि होम लोन का मूल और ब्याज दोनो रिबेट के दायरे में आता था। पुरानी स्कीम के तहत इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने वालों की टैक्स लिमिट इसके चलते बढ़ जाती थी। अब नए टैक्स स्लैब और स्कीम में एक फिक्स एमाउंट के बाद कुछ भी बचाया नहीं जा सकता। ज्यादा इंट्रेस्ट पे करने के बाद भी उसके आधार पर छूट प्राप्त नहीं की जा सकती।

कहां से भरेंगे बच्चों की फीस
सरकारी कॉलेज में सीनियर पद पर तैनात प्रवक्ता कहते हैं कि उनकी फरवरी और मार्च की सैलरी का बड़ा हिस्सा टैक्स के नाम पर कट गया है। उनके पास कमाई का दूसरा कोई जरिया नही है। अब अप्रैल में उनके दोनों बच्चों का एडमिशन होना है। उनकी ड्रेस और कापी किताब पर हजारों रुपए का खर्च है। यह पैसा कहां से आएगा। सरकार को इससे मतलब नही है। नई हो या पुराना, दोनो टैक्स स्लैब में बचत नही होती है। दस फीसदी टीडीएस कटाने के बाद भी बीस फीसदी टैक्स तो देना ही पड़ता है।

इस आप्शन का कर रहे इस्तेमाल
एक्सपट्र्स का कहना है कि सरकार चाहे तो सैलरी पेशा लोगों की सैलरी टुकड़ों में टैक्स काटना चाहिए। फरवरी और मार्च की सैलरी से ही टैक्स का पैसा कटने के चलते सैलरीड पर्सन के लिए ये दोनो महीने बेहद चैलेंजिंग हो जाते हैं। उनके लिए घर का बजट मैनेज करना मुश्किल हो जाता है। कई तो इस चक्कर में त्योहार को भी एंज्वॉय नहीं कर पाते हैं।

सैलरी पेशा लोगों के पास अधिक आप्शन नहीं है। नई स्कीम में भी लिमिटेशन है। पुरानी में होम लोन की किश्त से काफी फायदा हो जाता था। मेरा कहना है कि लोगों को अपने विभाग में अप्लीकेशन देकर हर माह टैक्स में कटवा देना चाहिए। इसका फायदा यह होगा कि उन पर टैक्स का इकट्ठा बर्डेन नहीं जायेगा। इसमें ज्यादा पैसा कट भी किया तो रिर्टन फाइल करने पर खाते में वापस आ जायेगा।
दिव्या चंद्रा, सीए