लोगों ने नवाब युसूफ रोड का उठाया मुद्दा, रिपोर्टर ने चेक की स्थिति, खतरों से भरा मिला सफर
दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट के 'रॉन्ग साइड अभियान के साथ हर क्षेत्र से जुड़ रहे लोग

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। सोमवार को लोगों ने नवाब युसूफ रोड का मुद्दा उठाकर दर्द को बयां किया है। इसके बाद रिपोर्टर ने मौके पर जाकर रोड की स्थिति को चेक किया। यहां डेढ किलोमीटर का सफर जोखिम भरा था। इस रोड पर व्यापार पूरी तरह से सड़क पर होता दिखाई पड़ा। व्यापार सड़क पर होने से रोड कंजेस्टेड हो गई है। लोग डेढ किलोमीटर दूरी तय कर यू-टर्न तक नहीं लेना चाहते है। बल्कि रॉन्ग साइड पर गाड़ी चलाकर निकलना शान समझते है। आइये आपको बताते है लोगों के सामने क्या-क्या दिक्कते आ रही है

हार्न देने पर भी नहीं सुनता कोई
सोमवार को दैनिक जागरण आई-नेक्स्ट की टीम ने नवाब युसूफ रोड स्थित रॉयल होटल से लेकर फायर बिग्रेड चौराहा तक का जायजा लिया। इस दूरी में एक-दो नहीं बल्कि सैंकड़ों ऐसी दुकान है। जिनका पूरा कार्य सड़कों पर ही हो रहा है। इन सड़कों पर गाड़ी का नंबर प्लेट लगाने के साथ सीट कवर, रिपेयरिंग, गाड़ी में एक्सेसरीज, व गाड़ी धुलाई तक का काम होता है। इनको कोई रोकने-टोकने वाला तक नहीं है। इस रोड की आधी सड़क बीच-बीच में कुछ दुकानदारों ने कब्जा कर रखा है। जिसके चलते गुजरने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हॉर्न देने पर भी नहीं हटते है। ऊपर से लडऩे के लिए उतावले रहते है। रॉयल होटल से लेकर फायर बिग्रेड चौराहा तक में मात्र दो यू-टर्न बना हुआ है। लोग लंबी दूरी तय न करने के चक्कर में रॉन्ग साइड से ही गाड़ी लेकर निकलते है। पूछने व टोकने पर आधी रोड कब्जा कर रखे लोगों को पहले हटवाने की बात करते है।

कार्रवाई का भी नहीं है डर
नगर निगम की टीम ने कई बार इस रोड पर अभियान चलाकर कार्रवाई की है। लेकिन उनके कार्रवाई का भी असर व डर नहीं दिखाई पड़ता है। इस रास्ते से निकलते वक्त कब कौन सी गली से उल्टे रास्ते से सामने आ जाये कोई नहीं जानता है। इस रोड पर अक्सर गाड़ी लड़ती है। जिसको लेकर कई बार विवाद भी हो चुका है। अगर ट्रैफिक पुलिस व स्थानीय पुलिस सड़कों पर रॉन्ग साइड चलने वालों के खिलाफ कार्रवाई करना शुरू कर दें तो यह कब्जा धारक भी राइट टाइम हो जाएंगे।

इस रोड पर ही मेरा घर है। अक्सर लोग गाड़ी बनवाने आते हैं तो उल्टे साइड से ही आते है। क्योंकि यू-टर्न इनको दूर लगता है। हर व्यक्ति दबंग है। टोकने पर लड़ाई तक हो जाती है। शाम के समय तो और मुश्किल हो जाता है।
अंशुल जायसवाल, स्थानीय

हर किसी को जल्दी है। एक तो रान्ग साइड पर वाहन चलाते हैं। ऊपर से इतनी रफ्तार होती है कि दुर्घटना कब हो जाए कोई भरोसा नहीं। अपनी जान के साथ दूसरों की जान भी खतरे में डालते है। इस रोड पर एक्सीडेंट होना आम हो चुका है।
उदीक्षा, स्थानीय

यहां तो कोई ब्रेकर नहीं है। ऊपर से लोग रॉन्ग साइड गाड़ी इतना तेज चलाते है कि पूछो मत। इस रोड पर ट्रैफिक फ्लो भी दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। बहुत बिजी रोड है। लोकल दुकानदार व लोग खुद ही उल्टा व जल्दी दुकान जाने के लिए रॉन्ग साइड से ही होकर गुजरते है।
प्रियांशु शुक्ला, पब्लिक

रॉन्ग साइड के खिलाफ यह अभियान बहुत ही सराहनीय है। क्योंकि हादसों के पीछे का प्रमुख कारण रॉन्ग साइड या फिर तेज वाहन चलाना होता है। शहर के कई रोड ऐसे है। जहां पर लोग रॉन्ग साइड चलना आदत में डाल लिए है।
अंकित जायसवाल, पब्लिक