प्रयागराज ब्यूरो । कुछ लक्षणों को नजर अंदाज करना घातक हो सकता है। यह ब्रेन ट्यूमर के लक्षण भी हो सकते हैं। इसलिए समय रहते इनकी जांच कराना जरूरी है। ऐसा करने से बीमारी के प्रकोप से बचा जा सकता है। एमएलएन मेडिकल कॉलेज के न्यूरो सर्जरी विभाग में हर माह दर्जनों ब्रेन ट्यूमर के मरीज आते हैं। अधिकतर इनमें स एडवांस स्टेज में होते हैं। उनका कहना है कि समय रहते हमने लक्षणों को नजर अंदाज कर दिया, इसकी वजह से बीमारी ने अपना आकार बढ़ा लिया।

किसी भी अंग को करता है प्रभावित

एमएलएन मेडिकल कॉलेज में हर माह दो दर्जन से अधिक मरीज ब्रेन ट््यूमर के आते हैं। इनमें से सभी को भिन्न भिन्न लक्षण होते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि ब्रेन के जिस हिस्से में ट्यूमर होता है, उस हिस्से से कनेक्ट अंगों में लक्षण देखने को मिलते हैं। इसलिए इन लक्षणों को नजर अंदाज करने की जरूरत नही है। ऐसा करने से समस्या हो सकती है। बार लक्षण लक्षण सामने आने पर इसकी जांच जरूर करानी चाहिए।

आसान हो गई है जांच

डॉक्टर्स का कहना है कि ब्रेन ट्युूमर की जांच अब पहले के मुकाबले अधिक आसान हा गई है। अब सीटी स्कैन और एमआरआई के जरिए इस रोग को पहचानना मुश्किल नही है। जबकि पहले जांच की सुविधा नही होने से लोग थर्ड स्टेज पर अस्पताल पहुंचते हैं। इससे उनकी जान बचाना मुश्किल होता था। हालांकि वर्तमान में मरीज अपनी जांच कराकर तत्काल इलाज करा लेते हैं।

इन लक्षणों पर ध्यान देना जरूरी

- चक्कर आना

- उल्टी लगना

- आंख की रोशनी कम होना

- अजीबों गरीब व्वयहार करना

- लकवा

- शरीर के किसी भी अंग में व्याधि होना

रेडिएशन को माना जा रहा है कारण

वैसे तो ब्रेन ट््यूमर का कोई खास कारण सामने नही आया है। लेकिन, चिकित्सा जगत इसके लिए रेडिएशन को कारण मान रहा है। जिसमें मोबाइल टावर को शामिल किया गया है। इससे निकलने वाली रेडियो एक्टिव किरणों को ब्रेन ट्यूमर का कारण माना जाता है। इसके अलावा जो लोग एक्सरे या सीटी स्कैन के आसपास रहते हैं, उनमें भी ब्रेन ट्यूमर के पनपने को अहम माना जाता है। डॉक्टर्स का कहनाह कि इस बीमारी का मेन कारण आजतक पता नही चल सका है।

दो प्रकार के होते हैं ट््यूमर

वैसे तो ब्रेन ट््यूमर दो प्रकार का होता है। इसमें पहला कैंसरस और दूसरा नान कैंसरस। कैंसरस ट््यृमर को निकालने के बाद उसकी सिकाई की जाती है। जबकि नान कैंसरस में ट््यूमर को निकालने के बाद भी यह भविष्य में कैंसर में कनवर्ट हो जाता है। यह बड़ी मुसीबत का सबब बना हुआ है। खुद डॉक्टर्स का कहना है कि आपरेशन के बाद भ्ी इसी कारण से मरीज का फालोअप किया जाता है। इसी तरह से बच्चों में ब्रेन ट्यूमर होने पर उनका जल्दी इलाज नही हो पाता है। क्योंकि यह पैदाइशी होने के साथ घातक भी होता है।

ब्रेन ट््यूमर के लक्षणों को अनदेखी करना ठीक नही है। ऐसा करने से भविष्य में समस्या खड़ी हो सकती है। अक्सर मरीज एडवांस स्टेज में आते हैं और पूछने पर बताते हैं कि लक्षण कॉमन लगे इसलिए ध्यान नही दिया। इसी तरह डब्ल्एचओ ग्रेड 4 ट््यूमर काफी घातक माना जाता है। इसका इलाज आसान नही होता है।

डॉ। एनएन गोपाल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज