- केंद्रीय कारागार में छापा मारने पहुंचे थे डीएम और एसएसपी

- कुछ भी नहीं मिला आपत्तिजनक, कैदियों ने सुनाई व्यथा

जेल के अंदर होता है खेल। हर किसी को पता है जेल के अंदर मोबाइल का यूज होता है। ज्यादातर अपराधी कई सिम कार्ड यूज करते हैं। लेकिन जब जेल के अंदर छापेमारी होती है तो रिजल्ट सिफर ही निकलता है। शुक्रवार को भी यही हुआ। डीएम, एसएसपी ने अपनी टीम के साथ जेल के अंदर गहन चेकिंग की, लेकिन कुछ विशेष आपत्तिजनक चीजें नहीं मिलीं।

कैदियों की हालत खराब

जेल के अंदर पुलिस को पिस्टल या मोबाइल जैसी आपत्ति जनक चीजें तो नहीं मिली, लेकिन कैदियों की हालत देखकर वह दंग जरूर रह गए। अंडर ट्रायल बंदियों से लेकर सजायाफ्ता कैदियों की हालत बद से बदतर थी। कुछ बंदियों ने अधिकारियों से अपनी आपबीती सुनाई। उन्होंने शिकायत दर्ज कराई कि जेल के अंदर ठीक से खाना नहीं मिलता है। कुछ कैदियों की हालत खराब थी। उनका इलाज कराने के लिए जेल प्रशासन लखनऊ हॉस्पिटल नहीं भेज पा रहा है। इस तरह की जानकारी मिलने के बाद डीएम ने पूछताछ शुरू की तो जेल प्रशासन ने बजट का रोना रोया। आफिसर ने सबको आश्वस्त किया कि इसका इंतजाम जल्द किया जाएगा। करीब दो घंटे की चेकिंग के दौरान चार टीमें जांच में जुटी रहीं।