जैन मंदिरों में चल रहे विशेष पूजन के लिए उमड़े जैन समुदाय के लोग

पर्व के छठे दिन हुआ विशेष पूजन, हर उम्र के लोग शामिल

ALLAHABAD: दशलक्षण यानी पर्यूषण पर्व के मद्देनजर जैन मंदिरों में चल रहे अनुष्ठान में जैन समुदाय के लोग बड़ी संख्या में शामिल हो रहे हैं। सिटी के जैन मंदिरों में आयोजित अनुष्ठान में पहुंचे लोग भक्तिभावना में लीन रहे। जीरो रोड स्थित जैन मंदिर में श्रीदिगम्बर जैन पंचायती सभा द्वारा रविवार को संयम धर्म की अर्चना कराई गई। जनकल्याण के उद्देश्य से पं। कपिल व सुनील जैन के निर्देशन में श्रीजिन अभिषेक हुआ। शांतिधारा बृजेश जैन, दीपक, रोहन मौजूद रहे।

संयम का महत्व बताया

पूजा-अर्चना के बाद जैन समुदाय के लोगों को पं। कपिल ने संयम का महत्व बताते हुए कहा कि ये अमूल्य रत्‍‌न है। संयम का अर्थ आत्म प्रवृत्तियों को रोकना है। यह साधन के आध्यात्मिक मार्ग में जितना आवश्यक और कल्याणकारी है, उतना ही समाज एवं राजनीति में भी। परमार्थ दृष्टि से जैसा संयम साधा जा सकता है वैसा अन्य किसी भी उपाय से संभव नहीं है। इसके दो भेद बताए गए हैं, पहला इंद्रिय संयम और दूसरा प्राणि संयम। छह इंद्रियों और मन की प्रवृत्ति को वश में रखना इंद्रिय संयम कहलाता है। जीवों की हिंसा से विरत रहना प्राणी संयम माना गया है। इस बीच आयोजित आरती थाल प्रतियोगिता में रिंकी जैन, रूपाली, आयुष, साक्षी, कल्पना, खुशबू, बाला, गीतिका, श्रेयांश, राजेश जैन शामिल रहे। दिगंबर जैन मंदिर बेनीगंज में दशलक्षण पर्व के तहत श्रीजिन, शांतिधारा अनुष्ठान हुए। भजन-पूजन में सुरेशचंद्र जैन, नरेशचंद्र जैन, महेशचंद्र जैन शामिल रहे।