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अगस्त 1996 को हुई थी विधायक जवाहर पंडित की हत्या

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साल बाद सुनवाई पूरी हुई तो कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला

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अक्टूबर फैसला सुनाए जाने के लिए कोर्ट ने मुकर्रर की है डेट

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गवाह अभियोजन की आरे से कोर्ट में किए गए हैं पेश

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गवाह बचाव पक्ष ने कोर्ट में पेश कर किया था बहस

-इसी केस में कई साल से जेल में बंद हैं करवरिया बंधु

PRAYAGRAJ: सबकुछ ठीक रहा तो 23 साल बाद विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड का फैसला गुरुवार को सुनाया जाएगा। इस सनसनीखेज वारदात की सुनवाई 18 अक्टूबर को पूरी हुई थी। घटना 13 अगस्त 1996 को अंजाम दी गई थी। कत्ल की इस वारदात में हमलावरों द्वारा एके-47 तक का प्रयोग किया गया था। इस हाई प्रोफाइल केस में पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया व इनके भाई सूरजभान और उदयभान सहित रामचंद्र त्रिपाठी पर हत्या के आरोप हैं। यह सभी पिछले कई साल से सलाखों के पीछे हैं। एक आरोपित श्याम नारायण करवरिया उर्फ मौला की मौत हो चुकी है।

सुलाकी नहीं सुन सकेंगे फैसला

जवाहर पंडित हत्याकांड की विवेचना स्थानीय पुलिस ने की। इसके बाद सीबीसीआईडी ने भी विवेचना की। आखिरी बार की विवेचना में सीबीसीआईडी ने 20 जनवरी 2004 को पेश किया था। इस बीच सुलाकी यादव को कई मर्तबा गवाही के लिए बुलाया गया। उनकी गवाही रिकार्ड की गई। कोर्ट में भी सुलाकी यादव गवाही दर्ज कराई तथा अभियुक्तों की पहचान भी की थे। इस बीच बीमारी के कारण सुलाकी का निधन हो गया। अब घटना का परिणाम सुनने के लिए वह इस दुनिया में नहीं रहे।

कोर्ट में पेश किए जाएंगे करवरिया बंधु

कई साल से नैनी कारागार की हवा खा रहे करवरिया बंधु भी खुद के ऊपर लगे आरोपों पर सुनाए जाने वाले फैसले को सुनेंगे। कारागार से करवरिया बंधुओं व रामचंद्र मिश्र को हिरासत में जिला जज पंचम बद्री विशाल पांडेय की कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसके बाद कोर्ट 23 वर्ष बाद इस चर्चित केस का फैसला सुनाएंगे।

सारा दिन गर्म रहा चर्चाओं का बाजार

इस चर्चित जवाहर पंडित हत्याकांड के फैसले के एक दिन पूर्व बुधवार को अटकलों का बाजार गर्म रहा। कोर्ट का फैसला क्या हो सकता है? इस बात को लेकर लोग अपने-अपने तरीके से कयास लगाते रहे। स्व। जवाहर पंडित की पत्नी विजमा यादव व करवरिया बंधु खेमे तमाम तरह की चर्चाएं सुनने को मिलीं। कोई आरोपितों को बरी होने तो कोई सजा होने जैसी बातों की चर्चा में मशगूल रहे। वहीं तमाम लोग ऐसे रहे जिनकी नजर गुरुवार को आने वाले कोर्ट के फैसले पर टिकी हुई है।