मालखाने से गायब है बुलेट, परीक्षण रिपोर्ट, कारतूस का खोखा

सीबीसीआईडी वाराणसी के इंस्पेक्टर, सिपाही व मालखाना प्रभारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज

ALLAHABAD: सदर मालखाने से विधायक जवाहर पंडित हत्याकांड से जुड़ी परीक्षण रिपोर्ट, बुलेट और कारतूस खोखा गायब होने के मामले में तीन पुलिस कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस महेश पांडेय ने साक्ष्य (माल मुकदमाती) नहीं मिलने पर सीबीसीआइडी वाराणसी के इंस्पेक्टर एके निगम, इलाहाबाद के सिपाही मो। कलीम व तत्कालीन मालखाना प्रभारी हरिराम चौधरी के खिलाफ एफआइआर दर्ज की है। सिविल लाइंस थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सीबीसीआइडी के पुलिस कर्मियों में खलबली मच गई है।

मालखाने को जानकारी नहीं

कोर्ट में जवाहर पंडित हत्याकांड की सुनवाई शुरू होने के बाद कई बार अदालत ने साक्ष्य (माल मुकदमाती) पेश करने का आदेश दिया। पुलिस ने जब साक्ष्य की तलाश शुरू की तो वह नहीं मिले। इस पर डीआइजी जेके शाही ने साक्ष्य की जांच शुरू करा दी, लेकिन कुछ पता नहीं चला। पुलिस को सिर्फ इतना ही पता चला कि जवाहर पंडित से जुड़े साक्ष्य सदर मालखाने में रखा गया था। कुछ माह बाद इस हाई प्रोफाइल केस की जांच सीबीसीआइडी को सौंप दी गई थी। सीबीसीआइडी ने जांच शुरू की तो बुलेट समेत कई अन्य साक्ष्य का परीक्षण किया। इसके बाद उसे कहां रखा गया। इसकी जानकारी सदर मालखाने में नहीं है। इस पर पुलिस को जांच करने वाले पुलिस कर्मियों व मालखाना प्रभारी की भूमिका पर संदेह हुआ। काफी छानबीन के बाद भी जब सिविल लाइंस को साक्ष्य नहीं मिले तो तीन पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआइआर दर्ज कर दी। बता दें कि वर्तमान सपा विधायक विजमा यादव के पति जवाहर पंडित 1996 में विधायक थे। सिविल लाइंस थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े उन्हें गोलियों से भून दिया गया था। हत्याकांड में पूर्व बसपा सांसद कपिल मुनि करवरिया, उनके भाई सूरजभान, उदयभान व रामचंद्र त्रिपाठी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई थी। मामले की सुनवाई जिला अदालत में चल रही है।

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दीमक चाट गए विधायक के कपड़े

विधायक जवाहर पंडित की हत्या के बाद सिविल लाइंस थाने के मालखाने में रखे गए उनके कपड़े दीमक चट कर गए हैं। ऐसी रिपोर्ट भी पुलिस की ओर से कोर्ट को दी गई है। इंस्पेक्टर सिविल लाइंस की ओर से विशेष न्यायाधीश रमेश चंद्र की अदालत में रिपोर्ट दी गई है। इसमें कहा गया है कि 14 अगस्त 1996 को दाखिल माल क्रमांक-1 पीएम नंबर 1410/96 के अनुसार मृतक जवाहर यादव पंडित के कपड़े दीमक खाने से नष्ट होना रजिस्टर में 31 मार्च 1997 को अंकित है। यानी जवाहर यादव के शरीर पर हत्या के दौरान जो कपड़े थे, उन्हें पुलिस ने कब्जे में लेकर सर्व मुहर करके मालखाने में रखा था। इसके अलावा भी कई वस्तुएं मालखाने में रखी गई, लेकिन कपड़े को दीमक खा गए।