- एसआरएन अस्पताल का मामला, प्रशासन ने संबंधित नर्स को किया सस्पेंड

- प्रिंसिपल ने जताई शर्मिंदगी, जज ने किया माफ

प्रयागराज (ब्‍यूरो)। हाई कोर्ट के एक जस्टिस की धर्मपत्नी अपनी मां को लेकर शुक्रवार को अस्पताल गई थीं। उनको सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। इससे उन्हे हार्ट प्राब्लम हो गई। उन्हों स्पेशल प्राइवेट वार्ड में एडमिट किया गया। वार्ड स्टाफ ने डाक्टर के दिए हुए पर्चे के अनुसार कुछ दवा व रूई बाहर से मंगाईं। जिसे जस्टिस की पत्नी ने साथ आए अर्दली से खरीद कर मंगवाया। लेकिन बेड शीट बदले जाने की मांग पर स्टाफ ने साफ मना कर दिया। उन्होंने कहा कि सुबह यह सुविधा प्रदान की जाएगी। मौके पर मौजूद नर्स ने इस मामले में तीमारदार के साथ मिसबिहेव भी कर दिया। इसकी जानकारी तीमारदार ने जस्टिस को दी। जिस पर उन्होंने मेडिकल कॉलेज प्रिंसिपल से फोन पर बात की और रात में ही स्पेशल वार्ड पहुंच गए। वहां उन्होंने नाराजगी जताते हुए न्यायिक मामला चलाने की चेतावनी भी दी।

माफी मांगकर किया निपटारा

मौके पर मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्रधानाचार्य डा। एसपी ङ्क्षसह, प्रमुख चिकित्साधीक्षक डा। अजय सक्सेना, दो-तीन प्रोफेसर भी वहां पहुंच गए। न्यायमूर्ति ने अव्यवस्था पर एतराज जताते हुए उनसे यह तक पूछा कि मरीजों के लिए शासन से क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं, कितनी उपलब्ध कराई जाती हैं। पूछा कि मरीजों को चादर व रूई घर से लेकर आनी पड़ती है। उनके आक्रोश को देख चिकित्साधिकारियों ने जस्टिस से माफी मांगी। तब जाकर मामले का निपटारा हो सका। इसके बाद प्रिंसिपल ने सबंधित स्टाफ की जमकर क्लास ली और नर्स को सस्पेंड कर दिया।

आम मरीजों को होती है दिक्कत

एसआरएन अस्पताल में बेडशीट ,दवाएं, जांच और भर्ती को लेकर होने वाली परेशानियों का यह पहला मामला नही है। आए दिन मरीजों को इन सुविधाओं के लिए जददोजहद करनी पड़ती है। कई बार उन्हें स्टाफ की बदतमीजी का शिकार भी होना पड़ता है। स्टाफ की इस गलतियों का खामियाजा कॉलेज प्रशासन को भी भुगतना पड़ता है।

मैंने स्वयं मरीज को स्पेशल वार्ड सहित तमाम सुविधाएं मुहैया कराई थी लेकिन वार्ड स्टाफ की बदजुबानी की वजह से कॉलेज प्रशासन को शर्मिंदा होना पड़ा। इसके लिए संबंधित नर्स को सस्पेंड कर दिया गया है।

प्रो। एसपी सिंह, प्रिंसिपल, एमएलएन मेडिकल कॉलेज प्रयागराज