- हेड पोस्ट आफिस में खूब बही रचनाओं की रस धारा

- हास्य और व्यंग से भरी रचनाओं ने श्रोताओं को ठहाके लगाने पर किया मजबूर

ALLAHABAD: हेड पोस्ट आफिसर में शुक्रवार की शाम कविताओं व शायरी के रसधारा में डूबती हुई दिखाई दी। मौका था ईद के अवसर पर आयोजित कवि सम्मेलन व मुशायरा का। जिसमें रचनाकारों ने अपनी सेवइयों की मिठास से भरी रचनाओं की प्रस्तुति देकर लोगों को स्वाद को कई गुना बढ़ा दिया। इस अवसर पर कवियों व शायरों द्वारा पेश की गई रचनाओं और हास्य व्यंग ने श्रोताओं को भी जमकर ठहाके लगाने पर मजबूर कर दिया। कवि सम्मेलन की शुरुआत मां की वाणी वंदना के साथ हुई। प्रीती वाजपेयी ने हमें बर्बाद करने को बस इक अफवाह है काफी, हमारा शहर तो माचिस की इक तीली से जलता है की प्रस्तुति देकर सामाजिक परिस्थिति को प्रस्तुत किया।

राजनीति से सामाजिक परिदृश्य पर चले व्यंग बाण

कवि सम्मेलन के दौरान प्रतापगढ़ से आए कवि योगेश झमाझम ने अपनी पंक्तियों को वर्तमान हालात से जोड़ते हुए तंज किया कि कच्ची थी या पक्ककी फूटी हाड़ी पे आ गई, बात चली डिग्री की तो डाडी में आ गई। सवालों के चादर को सी रही थी पर क्यो, कलम किताब छिन गया, साड़ी पे आ गई। व्यंग की प्रस्तुति को लोगों ने खूब पसंद किया और तालियां बजाकर उत्साह बढ़ाया। आजादी के मतवालों को समर्पित कविता प्रस्तुत करते हुए बाराबंकी से आए कवि विनय शुक्ला ने कहा कि अगर इरादे अमर शहीदों के फौलाद नहीं होते, यदि आजाद नहीं होते तो, हम आजाद नहीं होते। कवि सम्मेलन के दौरान अन्य कवियों ने भी अपनी रचनाओं की प्रस्तुति देकर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इसके पहले कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि कर्नल एसएफ रिजवी द्वारा किया गया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि सुनील कुमार रहे। डाक मनोरंजन क्लब में हुए कार्यक्रम में महासचिव राजेशन वर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।