प्रयागराज (ब्यूरो)। गिरफ्तार किया गया गैंग का सरगना लवकुश पासी पुत्र स्व। टिक्कू कौशाम्बी जिले के ओसा मंझनपुर का निवासी है। मंझनपुर व चित्रकूट के मऊ थाने में इसके खिलाफ लूट, छिनैती, मारपीट, हत्या के प्रयास जैसे एक दर्जन मुकदमे दर्ज हैं। वह गैंग में ज्ञान सिंह उर्फ ज्ञानचंद्र पासी पुत्र गैताल पासी निवासी बैशकांटी थाना करारी कौशाम्बी और उमेश पासी उर्फ मोटू पुत्र दिनई पासी निवासी बनौरा थाना पश्चिमशरीरा कौशाम्बी बतौर मेंबर काम किया करते थे। ज्ञानचंद्र पर भी आधा दर्जन से अधिक आपराधिक मुकदमे करारी, पश्चिम शरीरा व मऊ थाने में दर्ज हैं। जबकि उपेश पर हत्या का एक मुकदमा पश्चिमशरीरा थाने में है। तीनों मिलकर चोरी व हत्या की घटना को अंजाम दिया करते थे। खुलासा करते हुए एसएसपी ने बताया कि सोरांव के जूड़ापुर दांदू गांव में वारदात से पूर्व तीनों ने रेकी की थी। रेकी में ही तीनों को पता चला कि वृद्ध मकान में अकेले रहते हैं। पूरी जानकारी जुटाने के बाद तीनों कौशाम्बी से सिविल लाइंस पहुंचे। यहां से वह गंगापार उसरही पेट्रोल पम्प पहुंचे। रास्ते में ड्रिंक किए। दांदूपुर गांव में पहले प्रेम प्रकाश मिश्र के बगल वाले घर का ताला तोड़कर चोरी किए। चूंकि उस घर में उन्हें कुछ नहीं मिला इस लिए ज्ञानचंद्र छत के रास्ते से प्रेम प्रकाश मिश्र के घर में पहुंच गया। वह दरवाजा खोला तो लवकुश भी अंदर पहुंच गया। जबकि उपेश बाहर गांव की तरफ छिपकर लोगों पर नजर बनाए हुए थे। अंदर जब बक्सा उठो तो आवाज सुनकर प्रेम प्रकाश उठकर विरोध करने लगा। इस पर वह डंडे एवं सरिया से मारकर उसकी हत्या कर दिए थे।
पत्नी को भी कर दिया था अधमरा
विरोध में उतरी उसकी पत्नी नीरजा देवी को बेरहमी से पिटाई कर की थी। बदमाशों की पिटाई से हॉस्पिटल में नीरजा ने दम तोड़ दिया था। यह सारी बातें पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लवकुश पासी ने पूछताछ में पुलिस को बताई है। जबकि उसके दोनों गुर्गों ने सुसाइड कर लिया है। उनकी बॉडी कौशाम्बी जिले में बरामद हुई है। पुलिस को सरगना लवकुश पासी के पास से एक तमंचा, दो कारतूस, लोहे की रॉड, एक चांदी की चेन, दो बिछिया, एक पायल, एक अंगूठी व 4200 रुपये भी मिले हैं।

इस तरह कातिलों तक पहुंची पुलिस
सोरांव इलाके के जूड़ापुर दांदूपुर गांव में हुए डबल मर्डर का खुलासा मुश्किल था, यदि इसी थाना क्षेत्र के खेमानन्द गांव निवासी सुनील गुप्ता के घर चोरी नहीं हुई होती
पुलिस के द्वारा बताया गया कि इसी गैंग के द्वार सुनील गुप्ता के यहां दो जून को चोरी की घटना को अंजाम दिया गया था, चार तारीख को मुकदमा लिखा गया था।
शातिर चोर सुनील के घर से सामान के साथ एक मोबाइल भी चुरा ले गए थे, जिसे पुलिस ट्रेस कर रही थी, मगर लोकेशन नहीं मिल रहा था
अफसरों के मुताबिक सर्विलांस पर लगाया गया वह मोबाइल अचानक चालू हुआ तो लोकेशन कौशाम्बी के करारी बैशकांटी में लोकेट हुआ।
सुनील गुप्ता के घर से मोबाइल गैंग का शातिर चोर ज्ञानचंद्र चुराया था, जिसे लेजाकर अपने अपने बेटे मोनू को दे दिया था।
इस घटना में पुलिस ज्ञानचंद्र के बेटे मोनू को उठाकर मोबाइल चेक की तो पुलिस के हाथ ऐसा क्लू लगा जिससे वह जूड़ापुर मर्डर केस तक जा पहुंची
दरअसल मोबाइल चेक करने पर मालूम चला कि उसमें सोरांव के जूड़ापुर दांदू गांव की घटना को गूगल पर सर्च किया गया।
सोरांव थाना क्षेत्र में चोरी, सोरांव चोरी को दिखाओ, सोरांव में मारे गए लोग, सोरांव जूड़ापुर केस जैसी टैगलाइनें लिखी गई हैं। यही वह क्लू था जिसके जरिए पुलिस गैंग के सरगना तक पहुंच गई
यह टैग लाइन देखकर पुलिस ने ज्ञानचंद्र के बेटे मोनू पासी से पूछताछ की वह बताया कि यह सारी चीजें उसके पिता ही सर्च करवाया करते थे
पुलिस जांच आगे बढ़ी तो सरगना लवकुश पासी भी गिरफ्त में आ गया। ज्ञानचंद्र गिरफ्तारी से पूर्व सुसाइड कर लिया। जबकि उमेश पासी की बॉडी आज कौशाम्बी में ही मिली है।

तीन लोगों का ही यह पूरा गैंग था। तीनों घूम-घूमकर वारदात को अंजाम दिया करते थे। सरगना ने पूरी बात कबूल कर ली है। घटना में प्रकाश में आए दो गुर्गों की बॉडी कौशाम्बी में मिली है। एक ने सुसाइड किया है। दूसरे की रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बता पाएंगे।
डॉ। राकेश सिंह
आईजी रेंज प्रयागराज