प्रयागराज ब्यूरो । प्रयागराज- ऐसा मौका कम मिलता है जब एक छत के नीचे इलाज की तमाम नई तकनीकों के बारे में विस्तार से जानकारी मिले। उत्तर प्रदेश ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के 48वें वार्षिक सम्मेलन यूपीओर्थोकॉन-2024 में शुक्रवार को ऐसा ही हुआ। इस आयोजन का उदघाटन मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज परिसर में मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल (सेवानिवृत्त) ने दीप जलाकर किया।

अधिक उन्नत शोधों की खोज में होगी मदद

इस अवसर पर यूपीओए अध्यक्ष डॉ.अनूप अग्रवाल, इंडियन आर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। राम चड्ढा, एमएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो। एसपी सिंह, प्रो। एएन वर्मा आदि की विशेष भूमिका रही। आयोजन अध्यक्ष प्रो। डॉ। डीसी श्रीवास्तव ने अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि यह सम्मेलन आर्थोपेडिक के क्षेत्र में और अधिक उन्नत शोधों की खोज में मदद करेगा। इस अवसर पर यूपीओए के सचिव डॉ। संतोष सिंह ने एसोसिएशन की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। साथ ही विभिन्न प्रतिभागियों के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। यूपीओए के 4 प्रतिष्ठित सदस्यों को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार दिया गया।

सफलता की कुंजी पर दिया लेक्चर

आयोजन सचिव डॉ। मनीषि बंसल ने तीन दिवसीय सम्मेलन के बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि इस सम्मेलन में आर्थोपेडिक के विभिन्न तौर-तरीकों के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। वैज्ञानिक कार्यक्रम के पहले दिन पद्मश्री डॉ। बी.के.एस। संजय द्वारा व्यवहार ज्ञान और कौशल ही सफलता की कुंजी हैं विषय पर प्रतिष्ठित भाषण दिए गए, इंग्लैंड के डॉ। कपिल कुमार ने नैदानिक मूल्यांकन और कंधे की जांच पर अपना नोट दिया। डॉ। विपुल अग्रवाल ने फीमर की गर्दन के फ्रेक्चर के इलाज के लिए बीडीएसएफ तकनीक के उपयोग पर बहुत उत्साहजनक परिणाम दिए। डॉ। सदानंद चंद कौशिक ने पोस्ट ट्रॉमैटिक कोहनी अस्थिरता पर, डॉ। शाह वलीउल्लाह ने रजोनिवृत्ति के बाद के ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार के लिए भविष्य के लक्ष्य साइटोकिन पर चर्चा की।

छात्र जीवन की यादें भी हुई ताजा

इसी तरह डॉ धीरेंद्र सिंह, डॉ अशोक विज, डॉ उमेश चक्रवर्ती, डॉ स्नातोष सिंह, डॉ विनोद कुमार, डॉ विकाश कपूर, डॉ अमित जयसवाल, डॉ आमिर बिन साबिर, डॉ स्वरूप पटेल, डॉ विनोद कुमार, डॉ एससी गोयल, डॉ आरसी मीना ने भी अपने अनुभव को साझा किया।

इस सम्मेलन में देश भर और किसी न किसी रूप में विदेशों से 1000 से अधिक डॉक्टरों ने भाग लिया और अपने अनुभव साझा किये और अपने छात्र दिनों की यादें भी याद कीं। उपस्थित लोगों में डॉ हरीश सिंह, डॉ के डी त्रिपाठी, डॉ एन के अग्रवाल,डॉ कृष्णमुरारी, डॉ पीयूष मिश्रा, डॉ कपिल कुलश्रेष्ठ, डॉ हरीश सिंह, डॉ अनुराग अग्रवाल, डॉ निमिष अग्रवाल, डॉ सुरेश मौर्य, डॉ मनोज गुप्ता डॉ। अनुज गुप्ता, डॉ। आरपी सिंह व अन्य शामिल थे।