केपी इंटर कॉलेज में स्वास्थ्य विभाग ने बनाया है कलेक्शन व फीडिंग सेंटर

16 लोगों की टीम करती है दो शिफ्ट में काम, एक भी दिन बंद नहीं हुआ सेंटर

क्या आपको पता है कि स्वास्थ्य विभाग का कोरोना मैनेजमेंट कैसे काम करता है? आइए हम बताते हैं। कोरोना मरीजों की सैंपलिंग, जांच और डाटा फीडिंग इतना आसान नहीं है। इसके लिए दिन रात पूरी टीम काम करती है। तब जाकर सिस्टम वर्क करता है। केपी इंटर कॉलेज में बनाया गया डाटा फीडिंग व कलेक्शन सेंटर जिले का सबसे बड़ा सेंटर है। यहां पर दर्जनों कर्मचारी कई-कई घंटे नॉन स्टॉप वर्क कर कोरोना के खिलाफ जंग में अपना योगदान दे रहे हैं।

रोजाना होती है 2000 फीडिंग

इस सेंटर में सुबह आठ से रात 12 बजे तक दो शिफ्ट में फीडिंग और कलेक्शन का काम होता है।

एक शिफ्ट में 16 ऑपरेटर लगाए जाते हैं। इनका काम प्रत्येक व्यक्ति के डाटा को कम्प्यूटर पर फीड करना है।

रोजाना औसतन 2000 डाटा फीडिंग की जाती है।

इसमें व्यक्ति का नाम, पता, मोबाइल नंबर और लक्षण दर्ज किए जाते हैं।

एक भी दिन नहीं लगा ताला

पिछले साल कोरोना जब पीक पर था तब इस सेंटर को अगस्त में खोला गया था।

तब से लेकर आज तक यहां एक भी दिन के लिए ताला नहीं लगा।

रोजाना सैंपल कलेक्शन और डाटा फीडिंग की जाती है।

एक भी दिन का काम पेंडिंग नहीं किया जाता है।

यहां मोबाइल जांच यूनिट, इलाहाबाद हाईकोर्ट, नैनी और प्राइवेट हॉस्पिटल्स के कलेक्शन का डाटा दर्ज किया जाता है।

आरटीपीसीआर जांच के लिए जाते हैं सैंपल

इस सेंटर का दूसरा बड़ा काम सैंपल को आरटीपीसीआर के लिए भेजना है।

यहां पर रोजाना मोबाइल यूनिट के जरिए तीन हजार सैंपल आते हैं और इनको एमएलएन मेडिकल कॉलेज में आरटीपीसीआर जांच के लिए यहीं से भेजा जाता है।

फीडिंग प्रभारी स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी जियालाल बताते हैं कि तमाम सेंटर से आने वाले सैंपल की फीडिंग कर उन्हें मेडिकल कॉलेज रिफर कर दिया जाता है।

27 हो गई एमएमयू यूनिट

यहां से संचालित होने हो रही मोबाइल जांच यूनिट की संख्या 16 थी इसे बढ़ाकर 27 कर दिया गया है।

इनका काम पाजिटिव मरीज पाए जाने वाली जगहों पर जाकर आसपास और परिजनों का सैंपल लेना है।

डीएम भानुचंद्र गोस्वामी ने इनकी संख्या बढ़ाकर 50 किए जाने के आदेश दिए हैं जिससे अधिक से अधिक लोगों को ट्रेस किया जा सके।

इसके बाद इस सेंटर का काम तीन गुना बढ़ जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि टीम में मेंबर्स की संख्या बढ़ाना आसान नहीं है।

काम के घंटे बढ़ा दिए जाएंगे। क्योंकि काम चलता रहता है।

हमारे सेंटर पर लगातार काम चलता रहता है। एक दिन भी चीजें रुकती नही हैं। नई टीमों में काम करने वाला स्टाफ आ गया है। उनको भी ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके बाद फीडिंग का काम भी बढ़ जाएगा।

डॉ। सौरभ रावत

नोडल, केपी कॉलेज फीडिंग सेंटर