सोशल मीडिया पर मची रही मजदूर दिवस की धूम

सड़कों पर भरी दोपहरी काम करते रहे मजदूर

ALLAHABAD: आयोजनों का दौर चलता रहा। लोगों ने मजदूर एकता के नाम पर नारे लगाए तो कहीं फूल-माला से अधिकारी और नेताओं को लाद दिया गया। सोशल मीडिया पर भी लेबर डे की धूम मची रही, लेकिन हकीकत इससे कोसों दूर रही। लेबर डे के दिन भी शहर की तमाम साइटों पर मजदूर रोजाना की तरह पसीना बहाते रहे।

पर्याप्त नहीं हैं पंजीकृत मजदूर

जिले में कुल 140074 मजदूर ही पंजीकृत हैं। विभाग द्वारा लगातार मजदूरों के पंजीयन के कैंप लगाए जाते हैं। प्रचार प्रसार नही होने से मजदूरों को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिल पा रही है।

सिर्फ दिहाड़ी है इनकी मजदूरी

आंकड़ों पर जाएं तो आर्गनाइज सेक्टर के मजदूरों की स्थिति कहीं अच्छी है। इनमें से 50 फीसदी मजदूरों को ईएसआई और ईपीएफ का लाभ मिल रहा है। उन्हें तमाम लाभ हासिल हो रहे हैं लेकिन बाकी बचे 50 फीसदी अभी भी दोनों सुविधाओं से दूर हैं। अन आर्गनाइज्ड सेक्टर में 15 फीसदी मजदूर ही इन दोनों योजनाओं का हिस्सा हैं। 85 फीसदी मजदूर अभी सरकारी योजनाओं से अनजान हैं। उनकी दिहाड़ी ही उनके जीने का सहारा है।

फैक्ट फाइल

251111

इलाहाबाद मंडल में कुल पंजीकृत मजदूर

140074

इलाहाबाद में कुल पंजीकृत

27572

कौशांबी में कुल पंजीकृत

56780

फतेहपुर में कुल पंजीकृत

26685

प्रतापगढ़ में कुल पंजीकृत

50

फीसदी आर्गनाइज्ड सेक्टर में ईएसआई और ईपीएफ में इनरोल्ड मजदूर

15

फीसदी अन आर्गनाइज्ड सेक्टर में ईएसआई और ईपीएफ में इनरोल्ड मजदूर

10848

मंडल में कुल पंजीकृत प्रतिष्ठान (ये नियमित रूप से सेस जमा कर रहे हैं)

पंजीकृत मजदूरों को मिलने वाले लाभ

शिशु हितलाभ योजना के अंतर्गत जन्म से 2 वर्ष की आयु तक पुत्री के लिए 15 हजार व पुत्र के लिए 12 हजार रुपये प्रतिवर्ष पुष्टाहार के लिए

मातृत्व हितलाभ योजना के अंतर्गत पुरुष मजदूरों की पत्‍ि‌नयों को दो प्रसव के लिए 6 हजार की धनराशि पौष्टिक आहार के लिए

बालिका मदद योजना के अंतर्गत परिवार में जन्मी प्रथम अथवा द्वितीय पुत्री के जन्म पर 18 वर्ष के लिए सावधि जमा के अंतर्गत सामान्य कन्या को 25 हजार व दिव्यांग कन्या को 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता

पुत्री विवाह अनुदान योजना के अंतर्गत पुत्री के विवाह के लिए 55 हजार रुपये की आर्थिक मदद

तमाम योजनाओं के माध्यम से भी निर्माण श्रमिकों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।

अन आर्गनाइज्ड सेक्टर की स्थिति कमजोर है। यहां काम करने वाले मजदूर तमाम सरकारी लाभ से वंचित हैं। हमारी ओर से लगातार अभियान चलाकर मजदूरों को पंजीकृत किया जा रहा है।

मधुबन, लेबर इनफोर्समेंट आफिसर, इलाहाबाद मंडल