चीफ जस्टिस को अधिवक्ता ने लिखा पत्र

इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता ने 10 जुलाई को कानपुर में एसटीएफ टीम की ओर से एनकाउंटर में मारे गये विकास दुबे मामले की न्यायिक जांच कराने के लिए चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है। अधिवक्ता ने लिखा है कि विकास दुबे को उज्जैन से वापस कानपुर लाते समय एसटीएफ ने उसे मार दिया है और घटना को मुठभेड़ बताया जा रहा है। चीफ जस्टिस से इस मामले में स्वत: संज्ञान लेकर न्यायिक जांच बैठाने की राज्य सरकार को निर्देश देने की मांग की गयी है।

चीफ जस्टिस को लिखे अपने पत्र में अधिवक्ता विशेष राजवंशी ने कहा कि वह यह चिट्ठी इस घटना को लेकर हो रही बदनामी व अपमान की वजह से एक अधिवक्ता के नाते लिख रहा है। इस पत्र में भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 20, 21 व 39 ए का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि ये सारे अनुच्छेद देश के हरेक नागरिक को उसके मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए है और बताते हैं कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। लिखा है कि नौ जुलाई को ही लोग आशंका जाहिर कर रहे थे कि विकास को पुलिस पकड़कर एनकाउंटर कर देगी, जो सही निकली।