लिच्छवी एक्सप्रेस के एसी कोच में हो गए थे जहरखुरानी का शिकार

मैसेंजर कौन था? इसे जीआरपी ने डिस्क्लोज नहीं किया है। लेकिन, उसने न सिर्फ बैंक मैनेजर को लुटने से बचा लिया बल्कि सही समय पर इलाज उपलब्ध कराकर उनकी जिंदगी भी बचा ली। गुरुवार को होश में आने के बाद भाई को सामने देख बैंक मैनेजर की आंखों में चमक आ गई।

भदोही जिले में है तैनाती

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की संत रविदास नगर भदोही में संदीप शर्मा पुत्र रामगोपाल शर्मा निवासी महावीर नगर असिस्टेंट मैनेजर की पोस्ट पर तैनात हैं। बुधवार को उन्होंने संत रविदास नगर से लिच्छवी एक्सप्रेस पकड़ी थी। एसी थ्री कोच में उनका रिजर्वेशन था। सफर के दौरान उनकी दोस्ती सामने वाली सीट पर बैठे व्यक्ति से हो गई। कुछ ही देर में बातचीत करते हुए दोनों काफी क्लोज हो गए। दोनों की बातचीत देखकर कोच में मौजूद एक सख्श को कुछ ठीक नहीं लगा। अनजान व्यक्ति ने बैंक मैनेज को कोल्ड ड्रिंक ऑफर किया तो उनके कान खड़े हो गए। इसके बाद उन्होंने संदीप को होश खोते हुए देखा। उस सख्श ने इसकी जीआरपी को फोन पर दे दी। तब तक ट्रेन इलाहाबाद पहुंचने वाली थी। इस सूचना को सीरियसली लेते हुए जीआरपी निरीक्षक ने का। वंशनरायण व ट्रेन में ड्यूटी पर लगे स्टॉफ को एलर्ट कर दिया। कोच को इलाहाबाद में चेक करने के आदेश दे दिए गए। इस सक्रियता का परिणाम यह हुआ कि जीआरपी की टीम कोच में पहुंची तो वह बेहोश अवस्था में मिल गए। उन्हें तत्काल इलाज के लिए अस्पताल भेजवाया गया। पुलिस ने ही इसकी सूचना संदीप के परिवारवालों को फोन करके दी। शुक्रवार को स्वस्थ होने पर उन्हें जीआरपी थाने लाया गया और जहरखुरान का हुलिया और बातचीत की स्टाइल के बारे में पूछताछ हुई। शुक्रवार को सूचना मिलने पर संदीप का छोटा भाई कुलदीप शर्मा थाने पहुंच गया। पूछताछ के बाद संदीप को उनका सामान लौटाने के साथ भाई के साथ घर भेज दिया गया।