प्रयागराज ब्यूरो सात लाख की लूट ने सिविल लाइंस पुलिस की तेजी की पोल खोल दी है। शहर में सबसे महत्वपूर्ण थाना सिविल लाइंस माना जाता है। यहां तैनात किए जाने वाले इंस्पेक्टर और दारोगा भी तेज तर्रार माने जाते हैं। मगर इंस्पेक्टर और दारोगाओं की सारी तेज तर्रारी पर बाइक सवार लुटेरों ने पानी फेर दिया है। बीते मंगलवार को हुई लूट के मामले में शनिवार तक सिविल लाइंस पुलिस के हाथ खाली रहे। जबकि मामले में एसओजी को भी लगाया गया है। पुलिस का कहना है कि लुटेरों को पकडऩे का प्रयास जारी है।

अस्पताल कर्मियों से हुई थी लूट

जीवन ज्योति अस्पताल के दो कर्मचारी प्रहलाद सिंह और अनिरुद्ध यादव मंगलवार को संगम प्लेस में पीएनबी पहुंचे। वहां कुछ पुरानी नोटों को बदला और रकम निकाली। इसके बाद सात लाख रुपये लेकर मैक्स शोरूम के पास पीएनबी पहुंचे। यहां प्रहलाद नीचे खड़ा था जबकि अनिरुद्ध बैंक में अस्पताल के कागज देने गया था। इस दौरान बाइक सवार दो लुटेरे पहुंचे। दोनों ने हेलमेट लगा रखा था। पीछे बैठे लुटेरे ने प्रहलाद से रुपये से भरा बैग छीन लिया। इसके बाद बाइक सवार लुटेरे भाग निकले।

नहीं काम आ रहे सीसीटीवी

सिविल लाइंस में मेन रोड पर दोनों तरफ लगभग सभी दुकानों, शो रूम में सीसीटीवी लगे हुए हैं। पुलिस घटना वाले दिन से ही सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। मगर इसके बाद भी लुटेरों के बारे में कोई पुख्ता जानकारी हासिल नहीं कर सकी है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर दिक्कत कहां आ रही है। जबकि सिविल लाइंस एरिया में सीसीटीवी का जाल बिछा हुआ है। सिविल लाइंस में शायद ही कोई ऐसा एरिया हो जहां सीसीटीवी की नजर न हो। इसके बाद भी लुटेरों का पकड़ में न आना, उनकी लोकेशन न मिलना पुलिस की एक्टिविटी पर सवाल खड़ा करने के लिए काफी है।

कोट

घटना स्थल से लेकर कई जगह की सीसीटीवी फुटेज खंगाली गई है। कोई खास जानकारी फुटेज से नहीं मिली है। लुटेरों को पकडऩे का प्रयास जारी है।