प्रयागराज (ब्यूरो)। मदरसे में नकली नोट का छापाखाना चलता था। वो भी कई महीने से। इसका खुलासा तब हुआ जब नकली नोटों के सौदागर गिरफ्तार हुए। यह खुलासा एसओजी और सिविल लाइंस पुलिस ने किया। जब नकली नोटों के दो सौदागर सिविल लाइंस में नकली नोट की सप्लाई करने पहुंचे। दोनों को पुलिस ने दबोच लिया। इन दोनों के अलावा नकली नोट लेने आए युवक को भी पकड़ा गया। पकड़े गए नोट सप्लायर पुलिस को छापाखाना तक ले गए। पुलिस ने कुल एक लाख तीस हजार रुपये नकली नोट बरामद किया है। पकड़े गए नोट सौ रुपये के हैं। इसके साथ नोट छापने वाली मशीन और आधे तैयार नकली नोट बरामद किए गए हैं। चारों आरोपितों को जेल भेज दिया गया है।
एसओजी ने बिछाया जाल
एसओजी को पता चला कि सिविल लाइंस में नकली नोट चल रही है। जिस पर एसओजी ने नकली नोटों के सौदागारों को पकडऩे के लिए जाल बिछाया। मंगलवार रात को दो लोग सिविल लाइंस में नकली नोट की सप्लाई करने पहुंचे। इस दौरान पहले से मौजूद एसओजी और सिविल लाइंस पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया। दोनों को थाने ले जाया गया, जहां पूछताछ में जो पता चला उसे सुनकर पुलिस के पैरों तले जमीन खिसक गई।
हत्थे चढ़ गया गैंग का सरगना
पूछताछ में एक ने अपना नाम मोहम्मद तफसीरुल आरीफीन निवासी अतरसुइया बताया। जबकि दूसरे ने अपना नाम जाहिर खान निवासी आजाद बस्ती थाना बाशुदेवपुर भदसर उड़ीसा बताया। पता चला कि तफसीरुल अतरसुइया के जामिया हबीबिया मस्जिदे आजम का कार्यवाहक प्रिंसिपल है। जबकि जाहिर खान नकली नोट गैंग का सरगना है। दोनों के पास से पुलिस ने पचास हजार रुपये बरामद किया। पूछताछ में दोनों ने बताया कि वह दोनों तीन नकली नोट के बदले एक असली नोट लेते हैं। दोनों ने एक शख्स से पंद्रह हजार रुपये के सौ के असली नोट के बदले पैंतालिस हजार रुपये के नकली नोट देने का सौदा किया था।
नोट चलाने भी गिरफ्तार
नकली नोट लेने आए एक युवक ने अपना नाम मोहम्मद साहिद निवासी करामात की चौकी थाना करेली बताया। साहिद दोनों से नकली नोट लेकर उसे मार्केट में चलाता था। उसका दोनों से पंद्रह हजार रुपये में पैंतालिस हजार के नकली नोट का सौदा हुआ था। वह नकली नोट लेने आया था।
मदरसे में नोट का छापाखाना
पुलिस ने जब जाहिर और कार्यवाहक प्रिंसिपल तफसीरुल से पूछा कि नकली नोट कहां से मिलती है तो इसका जवाब बेहद चौकाने वाला रहा। जाहिर ने बताया कि अतरसुइया के मदरसे में नकली नोट का छापा खाना उसने लगा रखा है। इस जवाब के बाद पुलिस के हलक सूख गए। आननफानन में पुलिस जाहिर और तफसीरुल को मदरसा ले गई। वहां का दृश्य बेहद चौकाने वाला रहा। कमरे में बकायदा कलर पिं्रटर लगा था। लैपटाप था। अधबने सौ के नकली थे। वहां पर पुलिस को अफजल निवासी गौसनगर करेली मिला। पुलिस ने उसे भी हिरासत में ले लिया।
सरगना ने उड़ीसा से लाया प्रिंटर
गैंग के सरगना जाहिर खान ने बताया कि उड़ीसा में उसके गांव में भाई ने आधार कार्ड छापने वाली मशीन लगा रखी है। उसने भाई से आधार कार्ड छापने वाली मशीन ली। इसके बाद मशीन को वह प्रयागराज लाया। सरगना ने बताया कि उसका सम्पर्क मोहम्मद अफजल से था। अफजल से उसने नोट छापने की मशीन लगाने की बात की। जिस पर अफजल ने मदरसे के कार्यवाहक प्रिंसिपल मो.तफसीरुल से नोट छपाई की योजना बताई। अफजल और कार्यवाहक प्रिंसिपल मो.तफसीरुल दोनों इसी मदरसे में साथ पढ़ चुके हैं। तफसीरुल मदरसे में कमरा देने को तैयार हो गया। कई महीना पहले जाहिर मशीन लेकर मदरसे पर पहुंचा। इसके बाद सौ के नकली नोट छपाई का काम शुरू किया। जाहिर के इस काम में अफजल मददगार बन गया। अफजल ने नकली नोट की सप्लाई के लिए करेली के साहिद को तैयार किया।
प्रिंसिपल नोट काटने में अव्वल
उड़ीसा का जाहिर नोट छापने का काम करता था। जबकि मदरसे के कार्यवाहक प्रिंसिपल तफसीरुल नोट काटने का काम करता था। तफसीरुल को कैंची चलाने का इतना अनुभव हो गया था कि एक भी नोट खराब नहीं होती थी। वहीं अफजल नकली नोट चलाने के लिए कंडीडेट खोजता था। जबकि इस गैंग में शामिल होकर करेली का साहिद असली नोट देकर तीन गुना नकली नोट लेता था।
पिता थे मदरसे के प्रिंसिपल
तफसीरुल के पिता आशिकुल रहमान मदरसा जामिया हबीबिया मस्जिदे के प्रिंसिपल थे। उस दौरान तफसीरुल इस मदरसे में पढ़ता था। तफसीलरुल के साथ ही अफजल भी पढ़ता था। दोनों की इसी मदरसे में दोस्ती हुई। दोस्ती की वजह से कार्यवाहक प्रिंसिपल ने मदरसे में नकली नोट का छापा खाना खोलने में सहयोग किया।
कई मोहल्ले में चलाया नकली नोट
नकली नोट लेने आए साहिद ने पुलिस को बताया कि उसने अतरसुइया, कीडगंज और खुल्दाबाद एरिया में नकली नोट चलाई है। साहिद ने बताया कि वह असली के बदले नकली नोट लेकर उसे दिन भर खर्च करता था।
एसओजी और पुलिस ने पकड़ा
नकली नोट गैंग के खुलासे में एसओजी प्रभारी सिटी आशीष चौबे, एसओजी प्रभारी कमिश्नरेट अनूप सरोज, सिविल लाइंस के दारोगा दीपक कुमार, अभयचंद, चंद्रभान सिंह, सचिन तंवर, सिपाही मनोज सिंह, अखिलेश राय, विनोद दुबे, अब्दुल सालिम, सुनील कुमार आदि शामिल रहे।
नकली नोट गैंग की जानकारी मिलने पर एसओजी को लगाया गया था। एसओजी और सिविल लाइंस पुलिस ने नकली नोट गैंग का खुलासा किया है। सरगना के अलावा तीन अन्य पकड़े गए हैं। मामले की जांच कराई जा रही है।
दीपक भूकर, डीसीपी सिटी
नकली नोट चलाने की सूचना कई दिनों से मिल रही थी। सिविल लाइंस में नकली नोट की सप्लाई करने आए सरगना और उसके सहयोगी कार्यवाहक प्रिंसिपल को पकड़ा गया है। दोनों ने नोट छापाखाना की बात बताई। वहां भी दबिश दी गई, मदरसे में नकली नोट छापने का काम चल रहा था।
आशीष चौबे, एसओजी प्रभारी सिटी
आईबी ने की जांच, पूछताछ
नकली नोट के सौदागरों से इंटेलीजेंस ब्यूरो टीम ने भी पूछताछ की। दोपहर में इंटेलीजेंस की टीम सिविल लाइंस थाने पहुंची। उसने पुलिस की हिरासत में रहे जाहिर से अगल एक कमरे में पूछताछ की। जाहिर नकली नोट गैंग का सरगना है। वह उड़ीसा का रहने वाला है। इसलिए उसके बारे में आईबी ने पूरी डिटेल ली। इसके बाद आईबी टीम लौट गई।
पहले भी पकड़े जा चुके हैं सौदागर
नवाबगंज पुलिस और क्राइम ब्रांच ने श्रृंगवेरपुर से राजेंद्र गौतम और अजय कुमार को पकड़ा था। दोनों प्रतापगढ़ के जेठवारा के रहने वाले हैं। दोनों के पास से पुलिस ने साढ़े छह लाख रुपये नकली नोट बरामद किया था।
एसटीएफ ने मालदा पश्चि बंगाल के रहने वाले सुभाष मंडल को उसके साथियों के साथ पकड़ा था। सुभाष के पास से ढाई लाख रुपये के नकली नोट बरामद किए गए थे।
एसटीएफ ने रामबाग बस स्टैण्ड से नकली नोटों के सौदागर राम साहू को पकड़ा था। राम साहू पर पचास हजार रुपये का इनाम घोषित था।