प्रयागराज ब्यूरो । माही वक्त बहुत कम है। सरताज रोए जा रहा था और बार बार यही कहे जा रहा था। माही को क्या मालूम था कि सरताज ने आज जिंदगी को खत्म करने की ठान ली है। बार बार एक ही बात सुनकर माही ने फोन काट दिया। कुछ देर बाद उससे रहा नहीं गया। वह सरताज के मोबाइल पर कॉल करने लगी। मोबाइल उठ नहीं रहा था। माही ने अपने देवर रिजवान को फोन लगाया। रिजवान ने फोन रिसीव किया। इसके बाद वह कमरे की ओर गया। अंदर सरताज फांसी के फंदे पर लटक रहा था। रिजवान चीख पड़ा। माही अपने मायके में थी। देवर से घटना सुनकर वह पति के पहुंची, मगर पति को वह बचा नहीं सकी। अब माही को इंसाफ चाहिए।
अल्लापुर में हुई थी मुलाकात
बात 2020 की है। मटियारोड अल्लापुर की रहने वाली माही सोनकर पास की दुकान पर पेस्ट्री लेने गई थी। वहां पर सरताज भी था। कर्नलगंज के चांदपुर का रहने वाला सरताज भी पेस्ट्री की दुकान पर था। पेस्ट्री की दुकान पर दोनों की आंखें चार हो गई। फिर दोनों की मुलाकात पेस्ट्री की दुकान पर होने लगी। दोनों ने एक दूसरे का नंबर ले लिया। दोनों की मोबाइल पर बात शुरू हो गई।
शादी तक पहुंच गई बात
माही और सरताज की मुलाकात होने लगी। दोनों ने साथ जीने मरने की कसम खाना शुरू कर दिया। सरताज कटरा में मोबाइल शॉप चलाता था। उसकी इनकम अच्छी थी। सरताज ने माही को बताया कि वह घर बनवा कर शादी करेगा। धीरे धीरे सरताज ने अपना घर बनवा लिया। सरताज ने माही से शादी की बात अपने घरवालों को बताई। उधर माही ने सरताज से शादी की बात अपने घरवालों से बताई। पहले तो दोनों के घरवालों ने विरोध किया मगर विरोध ज्यादा दिन तक चल नहीं सका। आखिरकार नौ अगस्त 2023 को दोनों ने नैनी स्थित आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली।

शादी के बाद शुरू हो गया विरोध
शादी के एक महीने तक सब कुछ ठीक चला। माही सरताज के साथ शादी करके खुश थी। इस बीच पता चला कि माही प्रेगनेंट है। सरताज और माही खुश हो गए। मगर यहीं से कहानी बदल गई। माही का आरोप है कि उसकी सास फरजाना, ससुर सरफराज, देवर रिजवान और डड्डू ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया। माही अपने पति को कुछ नहीं बताती थी। सारा दिन वह सबकी ज्यादती बर्दाश्त करती थी। रात में जब पति आता था तो उसे राहत मिलती थी। मगर बहुत दिनों तक माही ससुराल वालों की ज्यादती छिपा नहीं पाई। उसने सारी बात सरताज से बतानी शुरू कर दी। जिस पर सरताज और उसके घरवालों के बीच झगड़ा शुरू हो गया। इस दौरान माही का बच्चा खराब हो गया। जिसे लेकर सरताज और उसके घरवालों के बीच विवाद होने लगा।

होली के बाद रहते किराए पर
माही दोबारा प्रेगनेंट हुई। करीब दस दिन पहले उसका दूसरा बच्चा भी खराब हो गया। इस पर सरताज ने माही को उसके मायके अल्लापुर भेज दिया। दोनों ने तय किया कि वह होली के बाद किराए पर कमरा ले लेंगे। घरवालों से दूर रहेंगे।

होली के दिलाया कपड़ा
सरताज रविवार की दोपहर अपनी ससुराल अल्लापुर गया। उसने अपने साथ माही को लिया। दोनों राजापुर गए। इसके बाद कटरा बाजार। वहां पर दोनों को कपड़ा पंसद नहीं आया। जिस पर दोनों नैनी गए। वहां पर माही ने अपने लिए पंजाबी शूट खरीदा। जबकि सरताज ने अपने लिए ब्लैक कलर की शर्ट खरीदी। शाम को सरताज ने माही को उसके मायके छोड़ा। इसके बाद दुकान पर चला गया। दुकान पर जाने के पहले सरताज ने माही को कहा कि वह कल आएगा, फिर दोनों साथ मिलकर होली खेलेंगे।

टूट गया होली खेलने का वादा
रात में दस बजे के बाद माही और सरताज की मोबाइल पर बात होने लगी। इस बीच कई बार मोबाइल कटा। अचानक सरताज मोबाइल पर रोने लगा तो माही परेशान हो गई। माही ने समझाया कि होली के बाद जब किराए पर रहना है तो परेशान होने की क्या बात है। मगर सरताज बार बार यही कहे जा रहा था कि माही, वक्त बहुत कम है। सरताज की इस हरकत पर माही ने बगैर कुछ सोचे समझे मोबाइल काट दिया। मगर उससे रहा नहीं गया। उसने दोबारा फोन लगाया, मगर सरताज कॉल रीसिव नहीं कर रहा था। माही परेशान हो गई। उसने देवर रिजवान को फोन लगाया। रिजवान ने फोन रिसीव किया तो माही ने कहा कि सरजात फोन रिसीव नहीं कर रहा। इस पर रिजवान सरताज के कमरे की तरफ गया। उसने खिड़की से झांक कर देखा तो उसके मुंह से चीख निकल गई। अंदर कमरे में सरताज फांसी के फंदे पर लटक रहा था। रिजवान से सूचना पाकर माही अपने भाई और जीजा के साथ सरताज के पास पहुंची। सरताज को उसके घरवालों ने बेड पर लिटा रखा था।
घरवालों के विरोध पर लगा ली फांसी
माही ने अपना सब कुछ खो दिया। वह होली पर पति सरताज के साथ रंग खेलना चाहती थी। वह सरताज का इंतजार कर रही थी, मगर होनी को शायद कुछ और ही मंजूर था। माही का आरोप है कि जब वह सिंदूर लगाती थी तो पति के घरवाले उसका विरोध करते थे। छोटी छोटी बातों को लेकर आए दिन घर में विवाद होने लगा। उससे जबरदस्ती काम करवाया जाता था, जब सरताज इसका विरोध करता था तो घरवाले उससे झगड़ा करते थे। माही का आरोप है कि घरवालों के झगड़े की वजह से सरताज ने फांसी लगाई है।

नहीं देखने दिया पति का मुंह
माही को उसके पति का मुंह भी नहीं देखने दिया गया। सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद बॉडी लेकर घरवाले घर चले गए। इसके बाद बॉडी को दफना दिया गया। माही अपने घर पर थी। वह ससुराल वालों से फोन करके जानकारी करती रही, मगर किसी ने उसे कोई जानकारी नहीं दी। माही को मलाल है कि वह आखिर वक्त में अपने पति सरताज का मुंह भी नहीं देख पाई।


युवक ने फांसी लगाकर आत्महत्या की है। किसी पक्ष ने कोई आरोप नहीं लगाया है। कोई तहरीर भी नहीं दी गई है। तहरीर आने पर जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।
जयराम, चौकी इंचार्ज, ईश्वरशरण