प्रयागराज (ब्यूरो)। डा रामकुमार वर्मा ट्रस्ट एवं इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के हिंदी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में डॉ रामकुमार वर्मा स्मृति पर व्याख्यान आयोजित हुआ। अध्यक्षता करते हुए डॉ भूरे लाल ने कहा कि डॉ रामकुमार वर्मा पर शोध की अनेक संभावनाएं हैं। मुख्य वक्ता डॉ राजेंद्र कुमार ने कहा कि डॉ वर्मा प्रसिद्ध कवि नाटककार समालोचक एवं आधुनिक हिंदी एकांकी नाटक के प्रवर्तन साहित्यकार के रूप में स्वीकार किए जाते हैं। उनका सारा जीवन हिंदी भाषा और साहित्य को समर्पित रहा। हिंदी भाषा व साहित्य के क्षेत्र में अनेक उल्लेखनीय योगदान के लिए 1963 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण से अलंकरण से विभूषित किया। उनकी कविताओं में आदर्शवाद की झलक मिलती है।
कर्मभूमि रही है प्रयागराज
डॉ रामकुमार वर्मा ट्रस्ट की अध्यक्ष डॉ राजलक्ष्मी वर्मा ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व का परिचय दिया। उन्होंने कहा कि प्रयागराज डा रामकुमार वर्मा की कर्मभूमि रही है। यही उनका निजी निवास भवन है जिसका नाम साकेत है। वर्मा जी की पूर्ण स्मृति में उनके कुछ शिष्यों के आग्रह पर उन्होंने डॉ रामकुमार वर्मा ट्रस्ट नामक संस्था बनायी जो एक चैरिटेबल ट्रस्ट है। हिंदी विभाग की प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ लालसा यादव ने अतिथियों का स्वागत किया एवं डॉ रामकुमार वर्मा के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की। संचालन कार्यक्रम समन्वयक डॉ शान्ति चौधरी, धन्यवाद ज्ञापन प्रो बृजेश कुमार पाण्डेय ने किया। प्रो सुनील विक्रम सिंह, प्रो कुमार बीरेंद्र, प्रो संतोष भदौरिया, प्रो सूर्य नारायण सिंह, प्रो चंदा देवी, प्रो मीता बनर्जी, प्रो अमरेंद्र त्रिपाठी, डॉ विनम्र सेन सिंह, डॉ सुजीत सिंह, प्रो योगेंद्र सिंह, डॉ भरत कुमार समेत हिंदी विभाग के विद्यार्थी एवं शोधार्थी, शिक्षक मौजूद रहे।