प्रयागराज ब्यूरो । देखा जाए तो पिछले दो सालों में ठंड का स्तर काफी कम हो गया था। तापमान सामान्य के आसपास था, ऐसे में लोगों को हीटर, ब्लोअर और इलेक्ट्रिक रॉड की अधिक आवश्यकता नही थी। लेकिन इस बार अचानक ठंड ने टॉप गेयर लगा दिया है। एक सप्ताह से ठंड बढ़ रही थी और तीन दिन में पारा न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया है। ऐसे में दुकानों में जो माल डंप था वह बिक्री होने लगा है। दुकानदारों का कहना है कि अगले एक सप्ताह तक ऐसे ही बिक्री की उम्मीद है।
लोकल माल की डिमांड अधिक, शार्टेज
मार्केट में दो तरह के आइटम्स उपलब्ध हैं। दिल्ली मेड लोकल हीटर और ब्लोअर की कीमत पांच सौ से दो हजार रुपए के बीच है। जबकि ब्रांडेड कंपनियों के प्रोडक्ट एक से पांच हजार रुपए के बीच हैं। ऐसे में लोगों में लोकल माल की अधिक डिमांड है। जिससे इनकी शार्टेज होने लगी है। दुकानदारों का कहना है कि जरूरत पडऩे पर दिल्ली से माल मंगाया जा रहा है।
दस फीसदी तक बढ़ गई खपत
हालांकि हीटर और ब्लोअर की मार्केट अप होने से बिजली की सप्लाई बाधित होने लगी है। लोगों को वोल्टेज डाउन होने की समस्या का सामना करना पड रहा है। शहर के दो दर्जन एरिया में करेली, कसारी मसारी, चकिया, मीरापट््टी, करेलाबाग, पुराना कटरा, बहादुरगंज, बाई का बाग, नीवा, बेगम सराय, कालिंदीपुरम जागृति चौराहा, पीपल गांव, बेली कछार, दारागंज बस्ती में लोग वोल्टेज से परेशान हैं। लोगों का कहना है कि जितना वोल्टेज आ रहा है उससे घर में पानी की सप्लाई बाधित हो रही है। अन्य इलेक्ट्रानिक उपकरणों के जलने का खतरा बढ़ गया है।
नौ फीसदी बढ़ गई है खपत
प्रयागराज में प्रतिदिन 300 मेगावाट बिजली की खपत होती है। लेकिन वर्तमान में यह खपत दस फीसदी तक बढ़ गई है।
बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि लाइन पर लोड बढऩे की वजह से ऐसा हो रहा है।
अगर ठंड पर ब्रेक नही लगा तो खपत में 20 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। बता दें कि मार्केट में बिकने वाले हीटर 800 से 1500 वाट तक के होते हैं।
ब्लोअर अधिक क्षमता के होते हैं। इनमें बिजली की कई गुना अधिक खपत होती है। जिसका असर बिजली सप्लाई पर पड़ता है।

दो साल से बिक्री नही हो रही थी। इस बार मार्केट अप हो गई है। लोग हीटर और ब्लोअर की मांग कर रहे हैं। दिल्ली मेड वाले प्रोडक्ट की अधिक डिमांड हो रही है।
अंजनी केसरी, व्यापारी, शाहगंज

रूम हीटर और ब्लोअर की बिक्री तभी होती है जब ठंड अधिक पड़ती है। इस बार यही हालात हैं। ये अलग-अलग क्षमता के होते हैं और इसकी वजह से बिजली की खपत भी उसी हिसाब से होती है।
अजय केसरवानी, व्यापारी, शाहगंज

हम दो साल से माल कैरी फारवर्ड कर रहे थे। इस बार पिछले तीन दिन से जो ठंड पड़ी है उसकी वजह से मार्केट में बूम आया है। लोग ब्रांडेड माल अधिक पसंद कर रहे हैं।
अनिल नरसरिया, व्यापारी