प्रयागराज (ब्‍यूरो)। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स को इंडिया में जॉब ऑफर हो या फिर इंडिया के बाहर, उन्हें मार्कशीट के वेरीफिकेशन के लिए कोई एक्स्ट्रा एफर्ट नहीं करना होगा। आन द स्पॉट वेरीफिकेशन हो जाएगा वह भी आनलाइन। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी इस वेरीफिकेशन को एप्रूवल भी प्रदान करेगा। इससे किसी दूसरे स्टेट की यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के लिए दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स की समस्या भी काफी हद तक कम हो जाएगा। इस महत्वपूर्ण फैसले को यूनिवर्सिटी की सोमवार को हुई एकेडमिक काउंसिल की मिटिंग में ग्रीन सिग्नल दे दिया गया। मिटिंग में कई और महत्वपूर्ण फैसले लिये गये।

मार्कशीट पर अहम फैसला
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के एकेडमिक काउंसिल की मिटिंग सोमवार को वाइस चांसलर प्रो संगीता श्रीवास्तव की अध्यक्षता में नॉर्थ हाल में हुई। इसमें डिस्कशन के लिए कई महत्वपूर्ण एजेंडे रखे गये थे। इन पर डिटेल में डिस्कशन हुआ। एजेंडे में सबसे टॉप पर था मार्कशीट का इश्यू। बता दें कि डिग्री जारी करने वाले इंस्टीट््यूशन से किसी की भी मार्कशीट वेरीफाई कराने का नियम पहले से तय है। छात्र आगे की पढ़ाई के लिए कहीं एडमिशन ले या फिर जॉब ज्वाइन करे। उसकी मार्कशीट का वेरीफिकेशन न होने पर एडमिशन निरस्त कर दिये जाने अथवा जॉब से निकाल दिये जाने जैसे कदम उठाये जा सकते हैं। अभी तक जो नियम है उसके मुताबिक मार्कशीट वेरीफिकेशन के लिए संबंधित इंस्टीट््यूशन से मूल यूनिवर्सिटी को भेजी जाती है। यहां से वेरीफिकेशन रिपोर्ट भेजी जाती है। अक्सर इस चक्कर में लेट हो जाता है। इस शिकायत को लेकर सीरियस इलाहाबाद यूनिवर्सिटी ने इस प्रस्ताव को एजेंडे में रखा था कि क्यों न मार्कशीट को डिजिटल कर दिया और वेरीफिकेशन क्यूआर कोड से कर दिया जाय। इस प्रस्ताव को मिटिंग में स्वीकार कर लिया गया। मार्कशीट पर अंकित क्यूआर कोड को स्कैन करते ही मार्कशीट सामने होगी और इसे वेरीफाई करने के लिए अॅथराइज मान लिया जायेगा। मिटिंग में मौजूद मेम्बर्स ने गहन विचार के बाद इसे ओके कर दिया।

कॉलेजों के कोर्स पर भी पड़ेगा असर
मिटिंग में एफीलिएटेड कॉलेजेज में चलने वाले पीजी कोर्सेज पर भी महत्वपूर्ण फैसला लिया गया। इसके मुताबिक कालेजेज में उन्हीं पीजी कोर्स को संचालित करने की अनुमति दी जाएगी जिसमें पचास फीसदी से अधिक सीटों पर प्रवेश लिया गया हो। कमेटी ने इससे कम छात्र संख्या वाले सभी कोर्सज को बंद करने का फैसला लिया है। यह व्यवस्था लागू कब से होगी, यह मिटिंग के बाद पीआरओ जया कपूर की तरफ से जारी रिलीज में क्लीयर नहीं किया गया है। बताया गया है कि कमेटी ने विभिन्न पाठ्यक्रमों के समीक्षित एवं संशोधित पाठ्यक्रम को स्वीकार कर लिया है।

अपडेशन को मंजूरी
मिटिंग में एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव जो चर्चा के लिए रखा गया था वह था परिनियमों (स्टैच्युट्स) को अद्यतन (अपडेट) किया जाना। इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गयी है। एक और महत्वपूर्ण प्रस्ताव सोशल साइंस के लिए ज्वाइंट पीडीपी (प्री पीएचडी प्रोग्राम) कोर्स को एप्रूवल देने का रखा गया था। इसे भी एकेडमिक काउंसिल ने ओके कर दिया। बताया गया है कि इसे नए सत्र में लागू किया जाएगा।

एकेडमिक काउंसिल की मिटिंग में छात्रों के व्यापक हित को देखते हुए कई महत्वपूर्ण फैसले लिये गये हैं। इन प्रस्तावों को वीसी की मंजूरी मिल गयी है। पीजी कोर्सेज पर लिया गया फैसला भी महत्वपूर्ण है। पचास फीसदी से कम स्टूडेंट्स होने पर इन कोर्सेज में एडमिशन बंद कर दिया जायेगा।
प्रो। जया कपूर
पीआरओ, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

समर्थ पोर्टल से जुड़ा इलाहाबाद विश्वविद्यालय
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में प्रवेश से लेकर परीक्षा तक और ई-फाइलिंग से लेकर शिक्षकों के प्रमोशन तक सभी काम समर्थ पोर्टल से होने जा रहा है। एयू ने क्रियान्वित किए जाने वाले 44 माड्यूल और इसके कार्यान्वयन के लिए जिम्मेदार संबंधित कार्यालयों की सूची जारी कर दी है। आज जिम्मेदार अधिकारी आइसीटी सेल की सहायता से सिस्टम को कांफिगर करेंगे और समर्थ पोर्टल का उपयोग शुरू कर सकेंगे। समर्थ पोर्टल के 44 माड्यूलों में एचआर, नालेज मैनेजमेंट सिस्टम, अवकाश प्रबंधन, नियुक्तियां, वेतन, कैरियर एडवांस स्कीम, ट्रेनिंग-प्लेसमेंट के साथ विद्यार्थी, प्रवेश, परीक्षाएं, दीक्षा समारोह, एल्युमनी पोर्टल, डिजिटल प्रमाणपत्र शामिल हैं। इसके अतिरिक्त छात्रावास, आरटीआई, दान, ग्रीवांस, संबद्धता प्रबंधन, स्वास्थ्य सुविधाएं आदि सभी माड्यूल में काम अब समर्थ पोर्टल से ही होंगे। साथ ही कार्यालयों में होने वाले पत्राचार भी अब ई-फाइलिंग के जरिए समर्थ से ही संचालित होंगे। इवि प्रशासन के अनुसार इस वर्ष स्नातक में प्रवेश समर्थ पोर्टल से ही कराए जाएंगे।