प्रयागराज ब्यूरो ।इसे नौ तपा का असर बताया जा रहा है। मंगलवार को गर्मी का असर रहा कि सड़क पर निकले लोग उबल पड़े। बड़ी मजबूरी में लोगों को दिन में बाहर निकलना पड़ा। बाहर निकले लोग कुछ ही देर में छांव खोजने लगे। मगर पेड़ों की छांव में भी लोगों को राहत नहीं मिली। हाल ये रहा कि लोगों के पहने हुए कपड़े भी तपने लगे।

गर्मी ने बनाया नया रिकार्ड
मंगलवार को सुबह सात बजे ही गर्मी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया था। घड़ी की सुइयां ज्यों ज्यों बढ़ रही थीं, गर्मी अपने चरम की ओर थी। सुबह नौ बजे पारा 44 पहुंच गया था। हालांकि लोगों को उम्मीद नहीं थी कि गर्मी नया रिकार्ड बनाने में लगी है। मगर दोपहर बारह बजे पारा 46 डिग्री पर पहुंच गया। मौसम विभाग के आंकड़ों पर गौर करें तो मंगलवार को पारा 48.2 पहुंच गया। यह पिछले तीस वर्षों में चौथी बार हुआ है जब पारा 48 के पार गया है।

सड़कों पर पसर गया सन्नाटा
गर्मी का असर रहा कि सड़कों पर दिन में 12 बजे के बाद सन्नाटा पसर गया। धूप की तपिश पांच मिनट भी बर्दाश्त नहीं हो पा रही थी। ऐसे में जाहिर सी बात है कि सड़क पर निकलने वाले लोगों के सामने बहुत मजबूरी रही होगी, तभी वह बाहर निकले होंगे। सड़क पर निकले लोग कड़ी धूप से बचने के लिए गमछे लगाए हुए थे मगर गमछा भी काम नहीं आया।


खूब बिका बेल, गन्ने का जूस
सड़क पर निकले लोग गर्मी नहीं बर्दाश्त कर पाए तो सड़क किनारे पेड़ की छांव खोजने लगे। ऐसे में पेड़ों की छांव के नीचे बेल और गन्ने के जूस की खूब बिक्री हुई। म्योहाल चौराहा के पास बेल का जूस लगाने वाले रामलाल ने बताया कि गर्मी की वजह से मंगलवार को बेल का जूस अन्य दिनों की अपेक्षा ज्यादा बिका।


उलझन की रही शिकायत
दोपहर में तमाम लोगों को उलझन की शिकायत हुई। म्योहाल चौराहा के पास पेड़ की छांव में खड़े पारस नाथ को लगा कि वह गश खाकर गिर जाएंगे। बताया कि उन्हें बहुत उलझन महसूस हो रही है। इसी तरह तमाम लोगों को उलझन की शिकायत हुई।

मंगलवार को इस तरह चढ़ा पारा
7 बजे सुबह 44 डिग्री
9 बजे सुबह 45 डिग्री
12 बजे दोपहर 46 डिग्री
1 बजे दोपहर 47 डिग्री
3 बजे दोपहर 48 डिग्री

आद्रता हो गई कम
मंगलवार को प्रचंड धूप और गर्मी की
वजह से आद्रता 1्र0 परसेंट पर पहुंच गई। आद्रता कम होने का मतलब है कि हवा से नमी का गायब हो जाना। मौसम विज्ञानियों के अनुसार 50 परसेंट से कम आद्रता होने पर शरीर से पसीना निकलने लगता है। इसके बाद बीस परसेंट से कम आद्रता होने पर शरीर का पानी अपने आप सूखने लगता है, पसीना नहीं निकलता है जिससे लोगों को उलझन और चक्कर की शिकायत होने लगती है।

ऐसे बना रहा पारा रिकार्ड
28 मई 2024 48.2 डिग्री
30 मई 1994 48.4 डिग्री
18 मई 2013 48.3 डिग्री
30 मई 2019 48.2 डिग्री

एक नजर 28 मई के आंकड़ों पर
28 मई 2023 40.0 डिग्री
28 मई 2022 40.0 डिग्री
28 मई 2021 31.0 डिग्री
28 मई 2020 42.0 डिग्री
28 मई 2019 43.0 डिग्री
28 मई 2018 45.0 डिग्री
28 मई 2017 39.9 डिग्री
28 मई 2016 41.0 डिग्री
28 मई 2015 42.0 डिग्री
28 मई 2014 40.0 डिग्री


वातावरण में बदलाव, एसी का ज्यादा इस्तेमाल, वाहनों की बढ़ती संख्या और पेड़ों के कटने से तापमान में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। अगर इन बिंदुओं पर ध्यान नहीं दिया गया तो आने वाले समय में स्थिति भयावह होगी।
प्रो। डा.शैलेंद्र राय, के बनर्जी वातावरणीय एवं समुद्रीय विज्ञान केंद्र इलाहाबाद यूनिवर्सिटी
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लू लगने से मौत पर मिलेंगे चार लाख रुपये
पिछले कई दिनों से लू (हीट वेव) का प्रकोप बढ़ गया है। लू लगने से मौत होने पर शासन की ओर से आपदा राहत कोष के तहत चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। आपदा सहायक अंतिम कुमार ने बताया कि इसके लिए संबंधित क्षेत्र के राजस्व कर्मी और अस्पताल की रिपोर्ट देनी होगी।